भारत टी20 विश्व कप से बाहर: सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सका

अपने दो सबसे महत्वपूर्ण ग्रुप गेम हारने के बाद, भारत के सेमीफाइनल में पहुंचने की संभावना कम हो गई थी. मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप के अपने पहले और दूसरे मैच में टीम इंडिया का निराशाजनक प्रदर्शन कई सवाल खड़े करता है. आइए कुछ कारणों पर नजर डालते हैं कि भारत ने टी20 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन क्यों नहीं किया.

पहला कारण यह हो सकता है की टी20 विश्व कप आईपीएल के ठीक बाद होने वाला था, जिसने राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को थका दिया होगा, जिसकी वजह से वह अच्छा परफॉरमेंस नहीं दे सके. दुर्भाग्य से, यह खिलाड़ियों पर शारीरिक रूप से भारी पड़ा और उस संदर्भ में, ऊर्जा या तीव्रता की प्रतीत होने वाली कमी को देखना आश्चर्यजनक नहीं है.

भारत के टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में पाकिस्तान के खिलाफ हार निगलने के लिए एक कठिन गोली थी और उस मैच के दबाव को सोशल मीडिया ने बढ़ा दिया, जिससे इस टीम को तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को उनके प्रदर्शन के लिए अनुचित नफरत मिली, उन्हें टीम इंडिया में गद्दार, भारतीय टीम में पाकिस्तानी कहा गया, पाकिस्तान जाओ और भी बहुत कुछ. शायद यही कारण है कि टीम न्यूजीलैंड के साथ अपने मैच में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए.पाकिस्तान के खिलाफ हार न केवल मनोबल गिराने वाली थी बल्कि भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अगले मैच के लिए इससे उबर नहीं पाया.

टी20 लीग के दौरान शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से कुछ को नजरअंदाज किया गया और कुछ संदिग्ध चयनों का पालन किया. युजवेंद्र चहल संयुक्त अरब अमीरात में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी थे उसका चयन नहीं हुआ. राहुल चाहर ने खराब प्रदर्शन किया और यहां तक कि मुंबई इंडियंस ने उन्हें बाहर कर दिया, लेकिन उन्हें मौका मिला.

सुनील गावस्कर के अनुसार, एक टीम में बहुत अधिक बदलाव करना सही नहीं है, क्योंकि ऐसा नहीं है कि भारत अपने सभी मैच हार गया दो मैचों में बल्लेबाज, वह नहीं कर पाए जिसकी उनसे उम्मीद की जा रही थी और यही वजह है कि भारत इस समय ऐसी स्थिति में है.

न्यूजीलैंड ने अपने 14वें आईसीसी सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया क्योंकि उन्होंने अबू धाबी में अफगानिस्तान को 8 विकेट से हराकर टी20 विश्व कप 2021 के फाइनल-चार के लिए क्वालीफाई किया है. इस परिणाम के साथ, भारत सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया है और ऐसा ही अफगानिस्तान भी है.

अगर अफगानिस्तान न्यूजीलैंड को हराता तो सेमीफाइनल में क्वालीफाई करने के लिए वह अफगानिस्तान और भारत में से किसी एक के लिए दरवाजा खुला छोड़ देता और न्यूजीलैंड को भी टूर्नामेंट से बाहर कर देता. अफगानिस्तान की जीत का मतलब यह होता कि केवल वे या भारत ही ग्रुप 2 में शीर्ष दो स्थानों पर रहने की स्थिति में होते. ऐसे परिदृश्य में कौन सी टीम सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करती है, यह दोनों टीमों के नेट रन-रेट पर निर्भर करता, यह मानते हुए कि भारत अपने अंतिम ग्रुप में नामीबिया को हरा देगा. भारत सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकता यदि वे अगले दिन नामीबिया को हराता और अफगानिस्तान की तुलना में एक उच्च एनआरआर बनाए रखने का प्रबंधन करता. परन्तु अफ़ग़ानिस्तान की हार के बाद भारत के हाथ से यह मोका चला गया भले ही वह नामीबिया से मैच जीत गया हो.

लेकिन चीजें कैसी भी हों, विराट कोहली और टीम को एक ब्रेक की जरूरत है. बेशक जीत और हार खेल का हिस्सा है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए. ऐसे कई मैच आने वाले हैं और हमें अपनी टीम का समर्थन करना चाहिए ताकि वे भविष्य के मैचों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. हां टीम ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया लेकिन यह दुनिया का अंत नहीं है.

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