भारत ने आज गुरुवार को ओडिशा के तट पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नए वर्जन का सफल परीक्षण किया. ओडिशा के बालासोर तट से इस मिसाइल को लॉन्च किया गया. इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है. तकनीक के लिहाज से यह मिसाइल कई नई चीजों से लैस थी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन-डीआरडीओ ने ट्वीट के माध्यम से सफल परीक्षण का वीडियो जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी.
डीआरडीओ ने ट्वीट किया, “ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत समुद्र से समुद्री संस्करण का आज आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया गया. मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य जहाज पर सटीक निशाना लगाया.” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि मिसाइल के सफल प्रक्षेपण ने भारतीय नौसेना की “मिशन तत्परता” की मजबूती की पुष्टि की है.
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल और इसकी खासियत?
भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में गिना जाता है. इस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत किया जा रहा है. ब्रह्मोस में ‘ब्रह’ का अर्थ है ‘ब्रह्मपुत्र’ जबकि ‘मोस’ का अर्थ ‘मोस्कवा’ से है. मोस्कवा रूस में बहने वाली एक नदी का नाम है. इस संयुक्त उद्यम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है.
आज के समय में जब ईस्टर्न लद्दाख में भारत और चीन आमने सामने खड़े हैं ऐसे में इस मिसाइल की प्रासंगिकता और बढ़ गई है. भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल को कई स्थानों पर तैनात भी किया है. यह भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है. इसकी एक बड़ी खासियत ये भी है कि दुश्मन के राडार इसको पकड़ नहीं सकते हैं.
यह मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से प्रक्षेपित हो सकती हैं. साथ ही इस मिसाइल में 290 किलोमीटर की मूल क्षमता की तुलना में 350 से 400 किलोमीटर तक प्रहार करने की अधिक क्षमता है. इस मिसाइल की लम्बाई 8.4 मीटर है जबकि इसकी मोटाई 0.6 मीटर है. इस मिसाइल को जल, थल और हवा तीनों से लॉन्च किया जा सकता है. ये मिसाइल 4300 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है. इस क्षमता को ट्रायड कहा जाता है. इस मिसाइल से 2.5 टन तक परमाणु अणु एवं परमाणुक युद्धास्त्र ले जाया जा सकता है.
दूसरे देशों को भी किया जा रहा निर्यात
ब्रह्मोस का उपयोग न केवल भारत की पनडुब्बियों द्वारा किया जाएगा, बल्कि मित्र देशों को निर्यात के लिए भी पेश किया जाएगा. फिलहाल फिलीपींस ने अपनी नौसेना के लिए तट पर तैनात होने वाली जहाज रोधी मिसाइलों की आपूर्ति को लेकर ब्रह्मोस एयरोस्पेस के साथ 37.4 करोड़ डॉलर यानी 2 हजार 811 करोड़ रुपए का करार किया है. माना जा रहा है कि इंडोनेशिया और वियतनाम भी भारत से यह मिसाइल खरीद सकते हैं.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ की सराहना की.