भारत ने चीन के बीजिंग में चल रहे इंटरनेशनल ओलंपिक समिति के 139वें सत्र में शनिवार को 40 साल बाद इसकी मेजबानी के लिए लगाई गई बोली जीत ली है. यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल है. भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा, आईओसी सदस्य नीता अंबानी अंबानी, भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा, युवा मामलों और खेल के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने 139 वें सत्र में आईओसी सदस्य को प्रेजेंटेशन दी.
भारत में दूसरी बार आईओसी सेशन होगा. इससे पहले 1983 में नई दिल्ली में सेशन का आयोजन हुआ था और इसके बाद देश को 4 दशकों का लंबा इंतजार करना पड़ा. अगस्त 2019 में आईओसी की कमेटी जिओ वर्ल्ड सेंटर को देखने आई थी और काफी प्रभावित हुई थी. इसके अगले साल 4 मार्च 2020 को तय हो गया था कि अगर भारत को 2023 की मेजबानी मिलती तो उसका आयोजन मुंबई में होगा.
साल में एक बार होता है साधारण सत्र का आयोजन
आईओसी सत्र आईओसी के सदस्यों की जनरल मीटिंग होती है. यह आईओसी का सर्वोच्च हिस्सा है और इसके फैसले अंतिम होते हैं. एक साधारण सत्र का आयोजन साल में एक बार होता है जबकि असाधारण सत्र को प्रेसिडेंट या फिर कम से कम एक तिहाई सदस्यों के लिखित अनुरोध पर बुलाया जा सकता है. आईओसी में वोटिंग के अधिकार के साथ कुल 101 सदस्य होते है. इसके अलावा 45 मानद सदस्य और एक सम्मान सदस्य होते है, जिन्हें वोट देने का अधिकार नहीं नहीं होता है. सदस्यों के अलावा 50 से अधिक इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन (समर और विंटर खेल विषयों) के सीनियर प्रतिनिधि (अध्यक्ष और महासचिव) भी आईओसी सत्र में हिस्सा लेते हैं.
भारतीय खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत
भारत से आईओसी (IOC) सदस्य के रूप में चुनी गई पहली महिला नीता अंबानी ने कहा कि 40 साल के इंतजार के बाद ओलंपिक अभियान भारत वापस आ गया है. 2023 में मुंबई में आईओसी सत्र की मेजबानी करने का सम्मान भारत को सौंपने के लिए मैं इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की आभारी हूँ. उन्होंने कहा कि यह भारत की ओलंपिक महत्वाकांक्षा के लिए एक अहम कदम होगा और भारतीय खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा. हमेशा से ही खेल दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा और आशा की किरण रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत में ओलंपिक का आयोजन करना हमारा सपना है.