यूक्रेन में भारतीय छात्रों को नहीं मिल रही है सरकारी मदद

रूस-यूक्रेन विवाद चरम पर है. हमले हो रहे हैं, बम गिराए जा रहे हैं. इनसब के बीच यूक्रेन में पढ़ रहे मेडिकल छात्रों ने देर रात वहां के लिविव शहर को छोड़ दिया. छात्र शुक्रवार को सुबह से ही सरकारी मदद का इंतजार कर रहे थे. लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली. इधर भाजपा मोदी जी को शांति पुरुष साबित करने में लगी है. लगभग 40 छात्र-छात्राएं प्राइवेट बस से पोलैंड बॉर्डर के लिए रवाना हो गए.

शुक्रवार को सुबह से ही छात्रों ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. दोपहर 2 बजे एक बस पोलैंड के बॉर्डर पर छात्रों को छोड़ने के लिए शहर से रवाना हुई. लीविव शहर में रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू की घोषणा हो गई है. जानकारी है कि बस जहां पोलैंड के बॉर्डर पर छात्रों को छोड़ेगी वहां से 10 किलोमीटर पैदल आगे जाना होगा. इसके बाद ही उन्हें भारत आने के लिए दिशा निर्देश मिलेंगे.  

उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट किया है. राहुल गांधी के ट्वीट वीडियो में कुछ भारतीय छात्र यूक्रेन में एक बंकर में छिपे दिख रहे हैं. राहुल गांधी ने मोदी सरकार से इन छात्रों के जल्द रेस्क्यू की अपील की है. हालांकि सरकारी सूत्रों और बयानों के मुताबिक यूक्रेन से भारतीयों की वापसी शुरू हो गई है. शनिवार सुबह एअर इंडिया की एक फ्लाइट मुंबई से रोमानिया के बुखारेस्ट शहर के लिए रवाना हो चुकी हो चुकी है. इसमें 470 छात्रों को भारत वापस लाया जाएगा. इसके बाद 1 फ्लाइट हंगरी से दिल्ली आएगी. वहीं, एअर इंडिया की 2 फ्लाइट रोमानिया से दिल्ली से पहुंचना है. इससे पहले शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को पोलैंड और हंगरी के रास्ते वापस लाया जा रहा है.

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