केंद्र के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार 5वीं बार सबसे स्वच्छ शहर

केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता पुरस्कारों में इंदौर को लगातार पांचवीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया. छत्तीसगढ़ ने राज्य की श्रेणी में पहला स्थान बरकरार रखा. स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार, 2021 की सबसे स्वच्छ शहर श्रेणी में दूसरा और तीसरा स्थान क्रमशः सूरत और विजयवाड़ा को मिला है.

वाराणसी को सबसे स्वच्छ गंगा नदी वाला शहर घोषित किया गया है, जबकि बिहार के मुंगेर और पटना को श्रेणी में दूसरा और तीसरा स्थान दिया गया है.

इंदौर और सूरत ने तो ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार, 2021’ में अपना स्थान बरकरार रखा है लेकिन नवी मुंबई ने विजयवाड़ा से अपना तीसरा स्थान खो दिया जो शनिवार को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा घोषित नवीनतम सर्वेक्षण परिणामों में चौथे स्थान पर था.

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के द्वारा यहां एक कार्यक्रम में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य की उपस्थिति में पुरस्कार प्रदान किया गया.

मंत्रालय ने कहा कि नवीनतम राष्ट्रव्यापी स्वच्छता सर्वेक्षण में, 28 दिनों में 4,320 शहरों का विश्लेषण किया गया, जिसमें 4.2 करोड़ से अधिक लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी.

100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों वाले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को देश का दूसरा और तीसरा सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया है. 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों की श्रेणी में झारखंड पहले स्थान पर है, उसके बाद हरियाणा और गोवा है.

एक लाख से अधिक आबादी वाले 10 सबसे स्वच्छ शहर इंदौर, सूरत, विजयवाड़ा, नवी मुंबई, नई दिल्ली, अंबिकापुर, तिरुपति, पुणे, नोएडा और उज्जैन हैं. इसी श्रेणी में 25 शहरों में लखनऊ को सबसे निचले स्थान पर रखा गया है.

मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र के वीटा शहर को एक लाख से कम आबादी वाला सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा दिया गया है, इसके बाद लोनावाला और सासवद हैं.

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