प्रधान मंत्री मोदी, ने अपने इटली देश के समकक्ष मारियो ड्रैगियो के साथ अपनी पहली बैठक में शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति को अलग तरीके से देखा नही जा सकता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इससे निकलने वाले किसी भी प्रकार के खतरे के खिलाफ बहुत सावधानी से नजर रखनी होगी.
जी 20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने बताया कि अफगानिस्तान में समस्या के मूल कारण को वास्तव में देखा जाना चाहिए, जो अनिवार्य रूप से अतिवाद, उग्रवाद और आतंकवाद हैं और जिसके परिणामों की सावधानीपूर्वक जांच की जानी थी.
मोदी ने कहा कि सुशासन प्रदान करने में विफलता और अक्षमता, स्थिति से निपटने में सक्षम होने में विफलता भी आत्मनिरीक्षण का विषय होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि शासन करने वालों और अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के बीच अंतर होता है और लोगों को मानवीय सहायता दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मानवीय स्थिति पर भी जोर दिया जाना चाहिए.
इटली के प्रधान मंत्री ने अफगानिस्तान में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान समर्थन जुटाने के अपने प्रयासों का उल्लेख किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मौजूदा स्थिति के परिणामस्वरूप अफगानिस्तान के लोगों को नुकसान न हो.
तालिबान ने अफगानिस्तान में 31 अगस्त को अमेरिका की पूरी सेना की वापसी से दो हफ्ते पहले 15 अगस्त को सत्ता पर कब्जा कर लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी स्पष्ट थे और उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है और अफगानिस्तान से निकलने वाला कोई भी खतरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को देखना चाहिए.