कश्मीर दौरे के दूसरे दिन गृहमंत्री ने युवाओं को आकर्षित करने के लिए उन्हें मोदी सरकार से जुडने का आग्रह किया और अपने संबोधन में उन्होंने कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही.
अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद शनिवार को देश के गृहमंत्री अमित शाह पहली बार जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं. गृहमंत्री यहां 3 दिवसीय यात्रा पर हैं, जिसका आज आखिरी दिन होगा.
शनिवार को अमित शाह नौगाम में शहीद हुए इन्स्पेक्टर परवेज के परिवारवालों से मिलें. जून महीने में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जाने वक्त आतंकियों ने परवेज की हत्या कर दी थी.
गृहमंत्री का ये जम्मू-कश्मीर दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब घाटी में आतंकियों के द्वारा नागरिकों के हत्या के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने शनिवार की शाम को यहां श्रीनगर-शारजाह इंटरनेशनल फ्लाइट की भी शुरुआत की.
अपने यात्रा के दूसरे दिन रविवार को गृह मंत्री ने जम्मू में 210 करोड़ की लागत से बने आईआईटी संस्थान का उद्घाटन किया.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि “हम लोकतंत्र को क्षति नहीं पहुचाएंगे, चुनाव कराने ही कराने है. डिलिमिटेशन के बाद चुनाव भी होगा और फिर से स्टेटहुड का स्टेट्स भी वापस आने वाला है.”
उन्होंने आगे कहा “मैं तो कश्मीर के युवाओं से दोस्ती करने आया हूं, आप मोदी जी के साथ जुड़िए.”
अमित शाह की कश्मीर यात्रा का आज अंतिम दिन है. ऐसे में सवाल है कि गृहमंत्री के कश्मीर दौरे से वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है, अमित साह अपने वायदों पर कितना खड़ा उतरते हैं और मोदी सरकार घाटी के युवाओं को आकर्षित होने में कितना सफल हो पाती है?