मंगलवार को झारखंड के सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना अंतर्गत जनजातीय बहुल बेसराजारा गांव में एक 34 वर्षीय व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उसके बाद उसके शरीर को आग के हवाले कर दिया गया. मारे गए युवक का नाम संजू प्रधान है. उस पर आरोप है कि उसने उन पेड़ को काटे थे, जिसे वहाँ के लोग अपने आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार पवित्र मानते थे. इस घटना ने एक बार फिर से प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर जैसे मुद्दे पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो फायर ब्रिगेड की सहायता से आग बुझाकर युवक का अधजला शव बरामद किया, जिसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया. कोलेबिरा थाना प्रभारी रामेश्वर भगत ने कहा कि ग्रामीणों ने पहले प्रधान द्वारा क्षेत्र में पेड़ काटने पर आपत्ति जताई थी. वे नहीं चाहते थे कि पेड़ों की कटाई जारी रहे इसलिए पिछले साल जुलाई में जिले के वन विभाग के साथ एक बैठक हुई थी. एक ग्राम सभा आयोजित की गई और यह निर्णय लिया गया कि प्रधान क्षेत्र में पेड़ नहीं काटेंगे क्योंकि यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण स्थान था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है क्योंकि लिंचिंग में 250 से अधिक लोग शामिल थे.
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के लोग जंगल से पेड़ों की कटाई करने के कारण संजू प्रधान से नाराज थे. उसे कई बार पेड़ों की कटाई के लिए मना किया गया था. बताया जा रहा है कि उसके बारे में वन विभाग से भी शिकायत की गई थी. मगर मंगलवार दोपहर कुछ ग्रामीणों ने संजू प्रधान को पकड़कर उसकी पिटाई शुरू कर दी, जिसके बाद मौके पर भारी संख्या में लोग जुट गए.
बुरी तरह पिटाई के बाद कुछ लोगों ने संजू को पकड़कर उसे कपड़ों में आग लगा दी. ग्रामीणों की गुस्साई भीड़ ने एक घंटे तक पुलिस को भी गांव के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया. बाद में जब तीन-चार थाना क्षेत्रों से फोर्स पहुंची, तब पुलिस घटनास्थल पर पहुंच सकी.
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट पर सिमडेगा के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं राज्य पुलिस को निर्देश दिया, ‘कृपया उक्त मामले की जांच कर कानून-सम्मत कार्रवाई करते हुए सूचित करें.’