गांधी के देश में गंदगी: धर्म संसद के नाम पर अपशब्दों की खेती

बीते दिनों रायपुर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में महात्मा गांधी पर अमर्यादित बयान देने वाले संत कालीचरण को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. भड़काऊ भाषण देने के आरोप में संत पर देश के अलग अलग हिस्सों में शिकायत दर्ज कराई गई है. मिली जानकारी के मुताबिक, फरार बताए जा रहे संत कालीचरण को रायपुर पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार किया है.

क्या है घटना?

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 25-26 दिसंबर को धर्म सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें देशभर के कई साधु संत शामिल हुए थे. इसी आयोजन को संबोधित करते हुए संत कालीचरण ने महात्मा गांधी और अल्पसख्यकों को लेकर अपशब्द कहे थे.

उन्होंने कहा, ‘इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है. हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया था. उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. उन्होंने राजनीति के माध्यम से बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया था. मैं नाथूराम गोडसे को नमन करता हूं कि उन्होंने उस @#₹& को मार डाला.’

शिकायत के बाद टिकरापारा थाना पुलिस ने कालीचरण महाराज के खिलाफ धारा 505(2), 294 IPC के तहत अपराध दर्ज किया था, जिसपर कार्रवाई करते हुए कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया गया है.

कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया गया है.
ऐसा पहली बार नहीं!

इससे पहले भी हरिद्वार में हुए धर्म संसद कार्यक्रम में दिए गए हिंसक और भड़काऊ भाषण के संबंध में उत्तराखंड पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.

17 दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक उत्तराखंड के हरिद्वार में ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के प्रति हिंसक और भड़काऊ भाषण दिए गए थे.

कार्यक्रम में दिए गए भाषण में 2029 तक किसी मुसलमान को प्रधानमंत्री नहीं बनने देने का आह्वान करते नजर आए. साथ ही उन्होंने मुस्लिम आबादी नहीं बढ़ने देने और बढ़ने पर हिंदू समाज द्वारा शस्त्र उठा लेने जैसी बातें कहीं. इनमें महिला संत भी शामिल थीं.

यह भी पढ़ें : https://www.trustnews.in/haridwar-uapa-not-imposed-on-those-who-gave-provocative-speeches/

गांधी के देश में गंदगी!

“हम जिसकी पूजा करते हैं, उसी के समान हो जाते हैं.” ये शब्द हैं गांधी के. संत कालीचरण के बयान से ज़ाहिर है कि वे कैसी और किसकी पूजा करते होंगे. धर्म के नाम पर ऐसी बयानबाज़ी करना धर्म तो कतई नहीं है.

महात्मा गांधी पर दिए बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. अगले दिन कालीचरण महाराज का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर आ गया. संत कालीचरण ने गलती नहीं मानी और गांधी पर कहे शब्दों को फिर दोहराया. वीडियो में कालीचरण ने कहा कि उन्हें अपने बयान पर कोई पश्चाताप नहीं है और वे गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते. संत के इस तरह के बयान की वजह से भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2), वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने वाले बयान देना,के तहत मामला दर्ज किया गया था.

संत कालीचरण ने केवल गांधी ही नहीं बल्कि धर्म विशेष के नाम पर भी बयान दिए. आगे उन्होंने कहा, हमें सरकार में एक कट्टर हिंदू राजा का चुनाव करना चाहिए, भले ही कोई भी हो. हमारे घरों की महिलाएं बहुत अच्छी और सभ्य हैं और वे मतदान के लिए नहीं जाती हैं. जब सामूहिक दुष्कर्म होंगे तो आपके घर की महिलाओं का क्या होगा. महामूर्खों, मैं उन लोगों को बुला रहा हूं जो वोट देने के लिए बाहर नहीं जाते हैं.”

इस कार्यक्रम के दौरान गांधी और विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में संत पर देश के अलग अलग हिस्सों में शिकायत दर्ज कराई गई. गांधी के ख़िलाफ़ अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल का मामला महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उछला.

कौन है कालीचरण महाराज?

शिव तांडव पाठ का एक वीडियो और गैरवाजिब बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले कालीचरण महाराज का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है. खुद को संत और कालीपुत्र बताने वाले कालीचरण महाराज महाराष्ट्र के अकोला के शहर शिवाजी नगर के रहने वाले हैं.

चल रही खबरों के अनुसार कालीचरण महाराज ने आठवीं क्लास तक की शिक्षा हासिल की है जो इनके बयानों से स्पष्ट है. आगे चलकर इंदौर के भय्यूजी महाराज के आश्रम से इनके आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत हुई. कुछ लोगों का कहना है कि कालीचरण महाराज के 6000 से अधिक शिष्य हैं. सोशल मीडिया में उनके नाम से कई पेज बने हैं. इतना ही नहीं, कालीचरण महाराज ने 2017 में हुए अकोला नगर निकाय चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी. हालांकि, इस चुनाव में कालीचरण महाराज की हार हुई थी.

कुछ दिनों पहले कालीचरण महाराज ने कोरोना वायरस को लेकर भी अजीबो ग़रीब बयान दिए थे. अब महात्मा गांधी पर वंशवाद को बढ़ावा देने, भगत सिंह, राजगुरु की फांसी न रुकवाने, जैसे आरोप लगाए. कालीचरण के इस बयान की देश भर में निंदा हो रही है.

One thought on “गांधी के देश में गंदगी: धर्म संसद के नाम पर अपशब्दों की खेती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *