बीते कुछ दिनों से कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद गहराया हुआ है. हिजाब पहनी मुस्लिम छात्राओं को कॉलेज आने से रोक गया तो विवाद और बढ़ा. हिंदू छात्र और छात्राएं हिजाब के जवाब में भगवा गमछा पहनकर कॉलेज आए. इस बीच तिरंगा को हटाकर भगवा झण्डा फहराने का भी एक वीडियो वाइरल हुआ. जिसके बाद तीन दिनों के लिए राज्य में कॉलेज को बंद भी करना पड़ा.
उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज से शुरू हुआ यह विवाद देश के साथ साथ विदेशों में भी चर्चा का विषय बन चुका है. मामला बढ़ते-बढ़ते कर्नाटक हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद का यह पहला घटना नहीं है. साल 2009 में बंटवाल के एसवीएस कॉलेज में भी ऐसा मामला सामने आया था. 2016 और 2018 में भी कुछ कॉलेज से भी ऐसी घटनाएं सामने आई थी जहां हिजाब का विरोध किया गया हो. कर्नाटक से लेकर हैदराबाद और पुदुचेरी में भी यह विवाद अपना पैर पसार चुका है.
एक और वीडियो में कर्नाटक के मांड्या में बुर्का पहनी एक छात्रा के सामने भगवा गमछा पहने छात्रों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. जिसके जवाब में लड़की ने ‘अल्लाह-ओ-अकबर’ के नारे लगाए. इस वीडियो के सामने आने के बाद तमाम राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी. ज्यादातर विपक्षी दलों ने हिजाब और मुस्लिम छात्राओं का समर्थन किया है. जबकि भाजपा ने कानून और ड्रेस कोड का हवाला देकर हिजाब और विरोध को गलत बताया है. यूपी सरकार में मंत्री और बीजेपी के नेता मोहसिन रजा का कहना है कि हिजाब पर जो चर्चा कर रहे हैं वे ‘बेहिजाब’ लोग हें.
मामले को शांत रखने के लिए बेंगलुरु प्रशासन ने छात्रों और छात्राओं से कहा है कि वे स्कूल और कॉलेज के आसपास आंदोलन नहीं कर सकते हैं.