सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हालिया दिनों में डाबर के एक विज्ञानपन पर हुए विवाद पर चिन्ता जताई. जिसके बाद कंपनी द्वारा विज्ञापन को वापस ले लिया गया. उन्होंने इसे सार्वजनिक असहिष्णुता बताया और कहा कि हमें इसका समाधान ढूंढना होगा. पुरुषों और महिलाओं की मानसिकता बदलने की जरूरत है.
आपको बता दें कि डाबर इंडिया लिमिटेड ने एक विज्ञापन में दो महिलाओं को एक साथ एक जोड़े की तरह दिखाया था. समलैंगिक संबंधों को महत्व देते हुए इस विज्ञापन में दो महिलाएं एक दूसरे के लिए करवाचौथ का व्रत करती नजर आ रही थीं. करवाचौथ हिन्दू धर्म का एक त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. परन्तु मध्यप्रदेश के एक नेता नरोत्तम मिश्रा ने इस विज्ञापन को लेकर अपनी नाराज़गी दिखाते हुए इसे आपत्तिजनक बताया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर उक्त विज्ञापन को लेकर ज़बरदस्त आलोचना होने लगी. मजबूर होकर कंपनी ने विज्ञापन वापस लेते हुए बिना शर्त माफी मांगी.
इसी संबंध में शनिवार को वाराणसी में जस्टिस चंद्रचूड़ ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “एक समान-लिंग वाले जोड़े के करवा चौथ वाले विज्ञापन को वापस लेना जनता की असहिष्णुता को दिखाता है. पुरुषों और महिलाओं दोनों की मानसिकता को बदलने की जरूरत है. कानून के आदर्शों और आज समाज की वास्तविक स्थिति के बीच बहुत अंतर है. सामाजिक असमानता और जमीनी हकीकत के बारे में विचार कर हमें समाधान तलाशना चाहिए.” न्यायाधीश ने यह बात ‘विधि जागरुकता के जरिये महिलाओं का सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके कहा.