कोरोना महामारी के दौरान एक तरफ जहां केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्यों पर भी कोविड से जुड़े आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगा था, वहीं केरल राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दावा किया है कि केरल हर एक कोविड मामले को रिपोर्ट करने की कोशिश करता है.
कोविड मामलों में कई बार पूरे देश का ध्यान केरल पर होता है. क्योंकि यहाँ से कोविड केसों की सबसे अधिक रिपोर्टिंग की जाती है. इंडियन एक्स्प्रेस ने केरल की स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से लिखा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक साथ आने के बहुत पहले से केरल ने अपनी रणनीति विकसित की थी. और कोरोना के पीक को कम करने का प्रयास किया.
वीना जॉर्ज ने कहा है कि “उनका अंतिम उद्देश्य कोरोना के मरीजों की संख्या को न्यूनतम रखना था. अब हर रोज ही कोविड के मामलों में कमी देखी जा सकती है.”
केरल स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार 12 मई को केरल में 42,000 नए केस थे और तब से इस संख्या में लगातार कमी आ रही है. यहाँ कोविड लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील देते हुए स्कूल कॉलेज और सभी सेक्टर खोल दिए गए है. केरल में कोविड मृत्यु दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत है.
केरल में हो रहा वैज्ञानिक विश्लेषण
उन्होंने आगे बताया कि “हम वैज्ञानिक रूप से संक्रमणों और पुन: संक्रमणों की संख्या पर ध्यान बनाए हुए हैं.
केरल का जनसंख्या घनत्व, त्रिवेंद्रम से कासरगोड तक, 860 व्यक्ति/वर्ग किमी है, जो राष्ट्रीय औसत 430 व्यक्ति/वर्ग किमी से दोगुना है. केरल में उम्रदराज़ लोगों की बड़ी संख्या है और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या..
उन्होंने दावा कि “यदि आप आंकड़ों का विश्लेषण करें, तो एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं था जो ऑक्सीजन, अस्पताल के बिस्तर या आईसीयू समर्थन की कमी के कारण मरा हो.”