बिहार में हर रोज हो रही लाखों की लूट, राजधानी पटना में 35 किलो सोना लूटा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जैसे ही बिहार की समस्या पर सवाल पूछा जाता है, वैसे ही वो जंगलराज की याद दिलाने लगते है. नीतीश कुमार के अनुसार लूट-पाट, चोरी और हत्या जैसी घटना लालू यादव के कार्यकाल में बहुत ही आम घटना थी. लेकिन बिहार में नीतीश कुमार की सरकार का लगातार तीसरा दौर चल रहा है, इसके बावजूद भी यहाँ लूट-पाट, चोरी-डकैती, हत्या और रेप जैसी घटनाएं हर रोज ही हो रही है. बिहार के अन्य शहरों को तो छोड़ दीजिए, राजधानी पटना में भी अपराध की खबरें आम बात हो गई है.

बीते शुक्रवार को राजधानी पटना के बाकरगंज के एक आभूषण दुकान से अपराधियों ने 35 किलो सोना, 12 करोड़ से अधिक कीमत के गहने और 13 लाख रुपए नगद लूट लिए. ज्ञात रहे कि जहां लूट की घटना को अंजाम दिया गया वहाँ से चंद कदमों की दूरी पर एक तरफ गांधी मैदान थाना है तो दूसरी तरफ पिरबहोर थाना है. इसके बावजूद भी अपराधियों ने जितनी आसानी से इस लूट की घटना को अंजाम दिया है, उससे पुलिस की भूमिका भी संदेहास्पद प्रतीत होती है.

एसएस ज्वेलर्स नाम के इस दुकान में लूट के दौरान जब अपराधियों का विरोध किया गया, तब अपराधियों ने दुकानदार के बेटे पर फायरिंग कर दी. लगभग 15 मिनट में अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया और फरार होने लगे. मौके पर मजूद भीड़ ने भाग रहे अपराधियों मे से एक दबोच लिया और उसकी पिटाई के बाद पुलिस के हवाले कर दिया.

गिरफ्तार लुटेरे की पहचान जहानाबाद निवासी साधु के रूप में हुई है. लूट की इस घटना के बाद सर्राफा व्यवसायियों ने बाकरगंज को बंद कर हंगामा किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.

पिछले महीने कंकरबाग में हुई थी ऐसी ही घटना

राजधानी में पिछले महीने भी लूटपाट की ऐसी घटना में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. कंकरबाग में आर्टिफिसियल ज्वेलरी की एक दुकान में लूट के दौरान अपराधियों ने एक व्यक्ति की उसकी पत्नी के सामने ही गोली मार कार हत्या कर दी थी.

ज्ञात रहे कि इसी इलाके में एक किन्नर की भी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद से लगातार कई किन्नरों की हत्या का मामला सामने आया था.

अब सवाल है कि ऐसी हिंसक घटनाएं हर रोज ही हो रही है, इसके बावजूद भी पुलिस हर मौके पर नाकाम साबित हो रही है.

पटना में लगातार होती रही है हिंसक घटनाएं

पिछले महीने दीदारगंज थाना क्षेत्र के सोनामा गांव में शादी समारोह से लौट रहे एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. पिछले साल सितंबर महीने में तो आलमगंज में पटनासिटी डीएसपी कार्यालय के पास अपराधियों ने एक युवक को गोलियों से भून दिया था.

कोई भी महिना ऐसा नहीं रहा है जब बिहार की राजधानी में अपराधियों ने खूनी-संघर्ष को सफल अंजाम नहीं दिया हो. राजधानी की बात तो छोड़ दीजिए बिहार के अन्य इलाकों में भी हर रोज ही हत्या, लूटपाट और बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही है.

इन तमाम घटनाओं को रोक पाने में बिहार पुलिस पूरी तरह से विफल है. हत्या, लूट और बलात्कार जैसी घटना पर बिहार पुलिस उतनी सख्त नहीं दिखती, जीतना की शराब की सूचना पर दिखती है.

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