चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में लालू यादव दोषी करार

950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में भी लालू यादव लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिए गए हैं. रांची की सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ के ग़बन के मामले में उन्हें दोषी करार दिया है.

कोर्ट ने इस मामले में 24 लोगों को बरी कर दिया है, जबकि जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत समेत 35 लोगों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने लालू यादव के लिए सजा का ऐलान नहीं किया है. उन्हें और बचे हुए अन्य दोषियों को 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी. इन दिनों लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर हैं.

झारखंड में जिन पाँच मामलों में लालू यादव आरोपी बनाए गए हैं, उनमें ये एकमात्र मामला है जिसमें फ़ैसला आना बाकी था. बाकी चार मामलों में कोर्ट पहले ही लालू यादव को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर चुका है. चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में लालू यादव को सात-सात साल की सजा हो चुकी है, जबकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पाँच साल और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में चार-चार वर्ष की सजा सुनायी गई है. चारों मामलों में लालू यादव ने जेल काटते हुए सजा का पचास प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया है.

चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था. सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया था. एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ भी आरोप तय किए थे. सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में प्रसाद, मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और प्रसाद को रांची जेल भेज दिया गया था.

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