बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला के पटना में लंबित एक मामले में विशेष अदालत के आदेश के बावजूद शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव समेत तीन लोगों की पेशी नहीं हो सकी.
शुक्रवार को पटना के सीबीआई कोर्ट में वीडियो कंफ्रेसिंग के माध्यम से पेशी होनी थी लेकिन नहीं हो पाई. पेशी नहीं होने पर अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि होटवार जेल के अधिकारी इस अदालत के आदेश का मर्म समझने में भूल कर रहे हैं. कोर्ट ने सीबीआई की ओर से एक दाखिल आवेदन को स्वीकार करते हुए लालू प्रसाद यादव समेत चारों अभियुक्तों को न्यायालय में सशरीर पेश करने के लिए 30 मार्च 2022 की तिथि निश्चित की है.
दरअसल, राजद सुप्रीमो लालू यादव के स्वास्थ्य के मद्देनजर उन्होंने उपस्थित होने की जगह वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़ने का फैसला लिया गया था. लालू यादव पिछले कुछ दिनों से अपने दांत में हो रहे दर्द से भी परेशान हैं. दांत दर्द से परेशान चल रहे सजायाफ्ता लालू प्रसाद का इलाज गुरुवार से शुरू हो गया. उनके दाहिने जबड़े के निचले दांत को बचाने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट किया गया है.
1996 के इस मामले में लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद आरके राणा, नौकरशाह बेक जुलियस, फूलचंद सिंह सहित 22 आरोपी हैं. सीबीआई ने अब तक 76 गवाह पेश कर गवाही कराई है. चारा घोटाले के इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद समेत कुल 44 आरोपियों पर चार्जशीट दायर की थी. इसमें 22 लोगों की मृत्यु होने के वजह से ट्रायल बंद कर दिया गया .