जहां एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए सर से लेकर एड़ी तक का ज़ोर लगा रहे हैं. वहीं, सहयोगी दल के नेताओं का विरोध भी उन्हें झेलना पड़ रहा है. राज्य में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार से भाजपा के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने शराब पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस लेने कि मांग की है.
भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने शराबबंदी को सरकार की बड़ी नाकामयाबी बताते हुए कहा कि को लोग शराबबंदी लागू करने के किए जिम्मेदार है वहीं लोग इसका उल्लंघन कर रहे हैं. और आंकड़ें दिखाने के लिए शराब माफियाओं और कारोबारियों की जगह नवयुवक छात्रों को जेल में बंद किया जा रहा है. विधायक ठाकुर ने मुख्यमंत्री नीतीश से अपील की है कि जैसे प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषी कानूनों को वापस लिया गया वैसे ही शराबबंदी को वापस लेने का फैसला करें.
शराबबंदी को प्रशासनिक तौर पर एक मजाक बताते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि भले ही कानून एक अच्छे विचार के लिए बनाया गया था मगर इसको लागू करने में तंत्र फेल हो गई. सरकारी तंत्र खुद शराब माफिया से मिली रही जिस वजह से ज़मीनी स्तर पर शराबबंदी असफल रहा. विधायक ने बीते दिनों पटना में एक शादी में हुए छापेमारी को बेहद शर्मनाक और डराने वाला हरकत बताते हुए कहा कि कानून की आड़ में मनमर्ज़ी हो रही है.
बता दें कि शराबबंदी के नाम पर पुलिस की छापेमारी पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला करते हुए पूछा कि बिहार पुलिस शराबबंदी के नाम पर निजता का उल्लंघन कर किसी के निजी जीवन में घुसना कौन सा कानून है?
इस संबंध में मीडियाकर्मियों के द्वारा नीतीश कुमार से पुलिस के इस रवैये पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी हमलोगों को नहीं है. जो न्यूज आता है, उसी को देखते है. आज जो न्यूज आया है, उसके बारे में हमारे कार्यालय के पदाधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.