बिहार और देश के कद्दावर नेता माने जाते रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के देहांत के बाद से ही उनका बनाया कुनबा बिखर रहा है. बिखराव और खटास अब घर से बाहर निकल कर चुनाव आयोग पहुँच चुका है. चुनाव आयोग ने रामविलास के बेटे चिराग और भाई पहुपति पारस पार्टी का नाम लोजपा और चुनाव चिह्न झोपड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी.
दोनों अलग-अलग नामों के विकल्प के साथ पहुंचे और उन्हें नए नाम और चिह्न अलॉट कर दिए गए हैं. चिराग की पार्टी का नाम अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी होगा.
चिराग की पार्टी का चुनाव चिह्न हेलीकॉप्टर होगा और पारस को सिलाई मशीन मिली है. बता दें कि बिहार विधानसभा की दो सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने जा रहा है.
पारस पहली बार एमपी बने हैं और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. वो छः बार विधायक रह चुके हैं. सीनियर पासवान के देहांत के बाद उनके और चिराग में दूरियां बढ़ती गईं और उन्होंने बगावत कर दी. पार्टी के अधिकतर नेताओं और सारे सांसदों ने पारस का साथ दिया और चिराग नितांत अकेले पड़ गए.