पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस ने एक बड़ा झटका दिया है. खबरों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. तृणमूल में शामिल हुए विधायकों में एक बड़ा नाम मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा का भी है. चूंकि पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने पाला बदला है, ऐसे में उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा.
पिछले कुछ समय से ममता बनर्जी लगातार पार्टी के विस्तार में लगी हैं. इस दौरान कांग्रेस के कई नेता तृणमूल के पाले में शामिल हुए हैं. कांग्रेस के दिग्गज और जाने-माने चेहरों को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का सिलसिला जारी है. 22 से 25 नवंबर तक दिल्ली दौरे पर हैं बंगाल सीएम ममता बनर्जी, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होने के बावजूद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की.
फिलहाल टीएमसी उन राज्यों पर फोकस कर रही है, जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है और कांग्रेस कमजोर है. इसके अलावा यूपी और बिहार जैसे राज्यों में भी वह कांग्रेस की जगह लेना चाहती है क्योंकि वहां उसके नेता उपेक्षित हैं और वे किसी ऐसे ठिकाने की तलाश में हैं, जो वैचारिक तौर पर करीबी भी हो. पूर्वोत्तर में कांग्रेस के लिए ये अब तक का सबसे बड़ा झटका है. आज दोपहर एक कार्यक्रम में ये सभी विधायक औपचारिक रूप से टीएमसी में शामिल होंगे.
इस जोड़ तोड़ के संबंध मे कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को इसका जिम्मेवार बताया. उन्होंने कहा यह सब प्रशांत किशोर और टीएमसी के नेता लुइज़िन्हो फलेरियो कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा, “कांग्रेस को तोड़ने की ये साजिश सिर्फ मेघालय में ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में हो रही है. मैं सीएम ममता बनर्जी को चुनौती देता हूं कि पहले उन्हें टीएमसी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़वाएं और फिर औपचारिक रूप से उनकी पार्टी में उनका स्वागत करें.”