बिहार के मिर्जा रिजवान को अमेरिकी फ्रीडम फाउंडेशन से प्रतिष्ठित “जॉर्ज वाशिंगटन सम्मान पदक” से सम्मानित किया गया. वे यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बने.
रिज़वान के अद्भुत STEM और आविष्कारक कार्यक्रम को पहचान देते उन्हें इस पदक से पुरस्कृत किया गया है. रिजवान के इस STEM कार्यक्रम के द्वारा अमेरिका की शिक्षा प्रणाली में एक विचित्र बदलाव देखने को मिला है.
मिर्जा रिज़वान ने 2 वर्ष के विस्तृत शोध किया जिसमें कि STEM शिक्षा नवाचार, बाल मनोविज्ञान और सीखने के पैटर्न पर उन्होंने खूब विचार-विमर्श किया. उन्होंने ऐसे मॉड्युल को विकसित किया, जिससे की छोटे बच्चों को वास्तविक दुनिया को समस्याओं से अवगत कराया जा सके अमेरिका में उन्होंने DiscoverSTEM नामक को लागू किया.
अकादमी की सह-स्थापना की और उसमें अपने बनाए पाठ्यक्रम 2016 में उन्होंने टेक्सस, युएसए में मध्य और उच्च विद्यालयों के छात्रों के लिए नवाचार कार्यक्रम शुरु किए जिससे भी बच्चों को वास्तविक समाज से रूबरू कराया जा सके और समस्याओं के लिए STEM समाधानों को आविष्कार करना सिखाया जा सके. उनका कार्यक्रम भविष्य के महत्वपूर्ण विचारकों और समस्या देकर दुनिया समाधानकर्ताओं को शिक्षा में एक सिद्ध प्रभाव जागृत करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है.
रिज़वान ने कई वर्ष कड़ी मेहनत और अनुसंधान किया है. विकास का एक समस्त पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए रिज़वान अमेरिका के कई निवेशकों के साथ भागीदारी हैं. बच्चों की बौद्धिक संपदा में बदलाव लाने में उनकी DiscoverSTEM काफ़ी प्रभावी है.
यही नहीं उनके छात्रों ने भी अपने कैरियर में निपुण सफलता प्राप्त की है. उनके छात्रों को बहुत सारी प्रतिष्ठित युनिवर्सिटियों जैसे कि हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, ड्यूक, जॉन हॉपकिंस, राइस, ब्राउन, इत्यादि में इंटर्न के रूप में स्वीकार किया गया है.
विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक व प्रयोगवादी भी रिज़वान के काम के दीवाने हैं. उन्होंने उनकी तारीफ में बहुत कुछ कहा और अपनी टिप्पणियाँ दी हैं.
मिर्जा रिज़वान की निष्ठा व कड़ी मेहनत इस सम्मान की हकदार है. उन्होंने भारतीयों व बिहार के लोगों को गर्व से ऊँचा कर दिया है.