5 दिन की बच्ची के साथ मां ने छोड़ा एक खत- “गरीबी के कारण छोड़ कर जा रही हूँ.”

बच्ची की ढंग से परवरिश नहीं कर सकती. मैं एक बदनसीब मां हूँ. इसीलिए पाँच दिन की इस बच्ची को छोड़ कर जा रही हूँ.

बिहार के मधुबनी से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. एक नवजात बच्ची को जन्म देने के बाद उसकी मां उसे सड़क पर छोड़ कर चली गई. मां ने बच्ची के साथ वहाँ के नवनिर्वाचित मुखिया के नाम एक खत भी छोड़ा. मां ने खत में अपनी बदनसीबी और गरीबी का दुख बताते हुए लिखा, “मैं इसे अपनी गरीबी के कारण छोड़ कर जा रही हूँ. जिसे भी यह खत और बच्ची मिले वो इसे मुखिया के घर पहुंचा दें.”

घटना के अनुसार, मधुबनी के भूपट्टी गावं में रविवार की रात एक व्यक्ति को बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. जब उसने आवाज का पीछा करते हुए बच्ची को ढूंढा तो सड़क किनारे कपड़े में लिपटी एक नवजात बच्ची पड़ी मिली. तुरंत ही इस घटना की सूचना पुलिस और चाइल्ड लाइन को दी गई. मौके पर बच्ची के साथ एक खत भी मिला. खत बच्ची के मां के द्वारा लिखा गया था. अपनी बदनसीबी को जाहीर करते हुए मां ने लिखा, “मैं इतनी गरीब हूँ कि बच्ची की ढंग से परवरिश नहीं कर सकती. मैं एक बदनसीब मां हूँ. इसीलिए पाँच दिन की इस बच्ची को छोड़ कर जा रही हूँ. यह बच्ची जिस किसी को भी मिले वह इसे मुखिया लक्ष्मी पासवान के घर पहुंचा दें.”

एक तरफ आज पूरा देश बेटियों की ताकत से वाकिफ है. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां बेटियों ने अपनी जीत का परचम ना लहराया हो. वहीं सरकार की ओर से भी बेटा और बेटी को समान बताने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. समाज में जागरूकता भी फैलाई जा रही है. इसके बावजूद एक नवजात बच्ची को ठंड की रात में सड़क पर छोड़ कर चली जाने वाली मां जैसे लोग भी हमारे समाज में हैं. लावारिस हालत में नवजात को छोड़ जाने का यह पहला मामला नही है. यह हमारे समाज का दुर्भाग्य ना कहा जाए तो क्या जाए?

सोमवार को चाइल्ड लाइन द्वारा बच्ची को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया गया. बाल कल्याण समिति ने कहा कि बच्ची को विशिष्ठ दत्तक केंद्र में पालन पोषण के लिए रखा जाएगा. दो माह के अंदर अगर इनके लीगल अभिभावक दावा प्रस्तुत करते हैं तो संतुष्ट होने के बाद बच्चे को वापस कर दिया जाएगा. अन्यथा, बच्चे को सीएआरए के तहत लीगल प्रोसेस में आने वाले दंपती को बच्चा दिया जा सकता है.

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