बीते रविवार को मुजफ्फरपुर के बेला स्थित नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर फटने से हुए धमाके में अब तक 7 मजदूरों की मौत हो गई है और 10 से ज्यादा कर्मचारी घायल हुए हैं. शुरुआती जाँच में फैक्ट्री संचालन में कई गड़बड़ियों का खुलासा हो रहा है. दैनिक भास्कर मे छपी एक खबर के मुताबिक फैक्ट्री में तीन शिफ्ट में काम करने वाले 600 कर्मचारियों में से मात्र 46 का ही बीमा कराया गया है.
फैक्ट्री के मालिक विकास मोदी को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. बिहार सरकार ने मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख और केंद्र सरकार ने दो-दो लाख रुपए मुआवजे की घोषणा कर दी है. लेकिन कर्मचारी राज्य बीमा निगम से बीमा नहीं होने के कारण इन मृतकों के आश्रितों को पीएफ का कोई लाभ नहीं मिल पाएगा जो कर्मचारियों के मूल वेतन के 90 प्रतिशत तक होता है. अंतिम संस्कार के लिए तत्काल मिलने वाले 15 हजार रुपए से भी आश्रितों को इसी कारण से वंचित रहना पड़ा.
श्रम विभाग के द्वारा फैक्ट्री के बाहर नोटिस चिपका दिया गया है. जिसमें फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई की बात कही गई है.

पिछले कुछ दिनों से घटनास्थल पर नेताओं का आना-जाना भी लगा हुआ है. जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव भी मुजफ्फरपुर पहुँचे थे जहां उन्होंने सभी मृतकों के लिए दस-दस लाख रुपए के मुआवजे की मांग की.

ज्ञात रहे कि बेला स्थित नूडल्स फैक्ट्री में कर्मचारियों के द्वारा पिछले 6 महीने से बॉयलर में दिक्कत होने की जानकारी दी जा रही थी. लेकिन फैक्ट्री के आला-अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बॉयलर को नहीं बदलवाया गया.
हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था.