राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) ने वर्ष 2020 के जारी किए आपराधिक आँकड़े

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक पिछले साल 2020 के दौरान हर दिन भारत में औसतन 80 लोगों की हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में अगर राज्यों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश टॉप पर रहा, जहां हत्या की वारदातों में साल 2019 की तुलना में साल 2020 में एक फीसदी का वृद्धि दर्ज किया गया.
उसके बाद रेप के मामलों में राजस्थान टॉप पर रहा तथा बच्चों के ऊपर सबसे ज्यादा अपराध मध्य प्रदेश में हुआ.

एनसीआरबी (NCRB) ने बुधवार को साल 2020 के अपराधों पर अपनी रिपोर्ट जारी की. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, भारत में वर्ष 2020 में कुल 29,193 लोगों की मौत हत्या के कारण हुईं. इसी के अनुसार देश में हत्या के प्रतिदिन औसतन 80 केस दर्ज किया गया.  उत्तर प्रदेश राज्यों के चार्ट में सबसे ऊपर है. वहां 2019 में की तुलना में एक प्रतिशत का इजाफा हुआ.

आंकड़ों के अनुसार, राज्यों पर अगर नजर डालें तो साल 2020 में सबसे अधिक 3,779 हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. इसके बाद बिहार में 3150, महाराष्ट्र में 2163, मध्य प्रदेश में 2101 और पश्चिम बंगाल 1,948 मामले दर्ज हुए है.
हालांकि भारत में अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2019 में अपहरण के 1,05,036 मामले सामने आए थे. जिसके मुकाबले साल 2020 में अपहरण के कुल 84,805 मामले दर्ज किए गए.2020 में देश में कुल 66,01,285 मामले दर्ज हुए जो 2019 के आँकड़े 51,56,158 के मुकाबले 14,45,127 ज्यादा हैं.

राष्ट्रीय राजधानी सहित देश में कोविड-19 के प्रकोप और महामारी के चलते लॉकडाउन काल में अपराधों में कमी आई. आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में साल 2020 में 472 हत्या के मामले दर्ज किए गए.
एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि देश में कुल हत्या पीड़ितों में से अधिकतम 38.5 प्रतिशत 30-45 वर्ष आयु वर्ग के थे. जबकि 35.9 प्रतिशत 18-30 वर्ष की आयु वर्ग के थे.

महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध पति और उसके रिश्तेदारों की क्रूरता की वजह से हुई.

देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,71,503 मामले दर्ज हुए. जो 2019 के 4,05,326 मामलों के मुकाबले 8.3% कम थे. इनमें सबसे ज्यादा 30% मामले पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता करने के थे. वहीं 23% मामले शील भंग करने के इरादे से महिलाओं पर हमला करने के थे. 16.8% मामले किडनैपिंग के तो 7.5% मामले रेप के थे.

बच्चों के खिलाफ अपराध के 42.6% मामले किडनैपिंग के.

बच्चों के खिलाफ अपराध के देश में 1,28,531 मामले दर्ज हुए. जो 2019 के मुकाबले 13.2% कम हैं. बच्चों खिलाफ होने वाले अपराधों में सबसे ज्यादा 42.6% मामले किडनैपिंग के हैं. बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा मामले भी 38.8% दर्ज हुए.

दलितों के खिलाफ अपराध में 9.4% का इजाफा.

2020 में दलितों के खिलाफ अपराध के कुल 50,291 मामले दर्ज हुए, जो 2019 के मुकाबले 9.4% ज्यादा हैं. इनमें 32.9% मामले मारपीट से आई साधारण चोट के थे। 8.5% मामले SC/ST एक्ट के थे.

आदिवासियों के खिलाफ अपराध में भी 9.3% का इजाफा.

2020 में आदिवासियों के खिलाफ अपराध के कुल 8,272 मामले दर्ज हुए. 2019 के मुकाबले आदिवासियों के खिलाफ अपराध में 9.3% का इजाफा हुआ है.

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