राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को दिया आदेश, नालंदा में जहरीली शराब से मौत पर 3-3 लाख मिलेगा मुआवजा

बिहार के नालंदा जिले में जहरीली शराब से मौत के मामले में मृतक के आश्रितों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को तीन-तीन लाख रूपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि आश्रितों को छह सप्ताह की भीतर मुआवजे की राशि का भुगतान कर प्रमाण के साथ सचिव आयोग के सामने रिपोर्ट रखेंगे।

गौरतलब है कि जनवरी 2022 में सोहसराय थाना इलाके में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि दो लोगों ने अपनी आंखों की रौशनी गवां दी थी। इस मामले में आयोग में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। इसके बाद आयोग ने सरकार से भी सवाल किया था।

नीतीश कुमार ने मुआवजा देने से किया था मना

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश को इसलिए भी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है कि क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले साफ किया था कि वो जहरीली शराब से मरने वालों को किसी भी हाल में मुआवजा नहीं देने वाले हैं। इसे लेकर बिहार की राजनीति भी काफी गरम हो गयी थी।

अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश के बाद राज्यसरकार मुआवजा देने के लिए बाध्य हो गयी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर नालंदा में शराबकांड में मारे गए लोगों के आश्रितों को मुआवजा मिल सकता है तो आयोग छपरा शराबकांड में मारे गए लोगों के आश्रितों को भी मुआवजा देने का आदेश राज्य सरकार को दे सकती है।

आयोग ने सरकार से मांगा था जवाब

नालंदा में जहरीली शराब से मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जांच के बाद सरकार से सवाल किया था कि शराब कांड को पुलिस और प्रशासन की असफलता मानते हुए क्यों न मृतक के आश्रितों को तीन-तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। मामले में सरकार की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। फिर मामले में आयोग ने सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

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