टीवी समाचार प्रसारक संघ-एनबीडीएसए ने जी न्यूज को किसान आंदोलन के विरोध में फर्जी खबर चलाने का दोषी पाया है.
एनबीडीएसए का कहना है कि समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ ने किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग के दौरान एथिक्स कोड का उल्लंघन किया है. संगठन का कहना है कि चैनल द्वारा प्रसारित तीन वीडियो में कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को खालिस्तानियों से जोड़ा गया और ग़लत रिपोर्ट की कि 26 जनवरी 2021 को लाल क़िले से भारतीय झंडे को हटा दिया था. साथ ही इस चैनल ने इंटरनेट से ट्रेक्टर के वीडियोज को इकट्टा कर किसानों के नाम पर चलाया. इस मामले में टीवी समाचार प्रसारकों का निजी संघ एनबीडीएसए ने अपने आदेश में चैनल से इन वीडियो को हटाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता में प्राधिकरण ने ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित किसान विरोध से संबंधित कार्यक्रमों के संबंध में इंद्रजीत घोरपड़े द्वारा दायर एक शिकायत में आदेश पारित किया है. आदेश में कहा गया है कि कार्यकर्ता इंद्रजीत घोरपड़े द्वारा दायर की गई शिकायत 19, 20 और 26 जनवरी को ज़ी न्यूज़ पर प्रसारित दो कार्यक्रमों के संबंध में हैं. घोरपड़े ने अपनी शिकायत में कहा है कि इन कार्यक्रमों में असत्यापित वीडियो का इस्तेमाल किया गया, जो किसान आंदोलनों से बिल्कुल भी जुड़े हुए नहीं थे.
आरोपों खंडन करते हुए जी न्यूज ने कहा कि जो दावे किए गए थे वे “पूरी तरह से गलत थे, प्रेरित थे और आक्षेपित प्रसारणों की सामग्री की व्याख्या पूरी तरह से गलत तरीके से की गई है.” पहले दो आक्षेपित कार्यक्रमों में किसान विरोध में खालिस्तानी तत्वों की भागीदारी से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक निष्पक्ष और ऑब्जेक्टिव पैनल डिबेट शामिल थी और तीसरा प्रोग्राम 26.01.2021 को लाल किले से एक लाइव टेलीकास्ट से संबंधित था, जिसमें कुछ तत्व लाल किले पर किसान संघ का झंडा फहराते हुए दिखाई दे रहे थे.