‘किसान महापंचायत’ की याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी के हालिया घटना पर टिप्पणी की है.
लाइव लॉ के मुताबिक सुनवाई कर रहे जस्टिस ए एन खानविलकर और जस्टिस सी टी रविकुमार ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि ऐसी घटनाओं की तो कोई जिम्मेदारी ही नहीं लेता है.
किसान महापंचायत की उस याचिका में मांग की गई थी कि जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति दी जाए. साथ ही याचिका में यह भी कहा गया था कि केंद्र सरकार, दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस को आदेश दिया जाए. ताकि किसान मोर्चा दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया जाए.
ज्ञात रहे कि बीते दस महीने से देश के अलग-अलग हिस्सों से आये किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए है. किसानों की मांग है कि साल भर पहले अध्यादेश केके जरिये संसद में पास हुए तीनों नये कानून को रद्द किया जाए. किसानों का कहना है कि तीनों कानून किसानों और कृषि के लिए नुकसानदेह है.