गुरुवार को मधुबनी में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के साथ दो पुलिस वालों ने मारपीट करने के बाद सर्विस रिवाल्वर तान दिया था. इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के आला अधिकारियों को जवाब के साथ सुनवाई में उपस्थित होने का मौखिक आदेश दिया था.
अब हाई कोर्ट इस मामले को लेकर और भी सख्त रुख अख्तियार कर रहा है. पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता की डिवीजन बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी और मधुबनी के एसपी को नोटिस जारी कर दिया है. इस नोटिस के अनुसार राज्य के डीजीपी को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित होकर पूरे मामले पर अपनी रिपोर्ट देनी होगी. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की संवेदनशीलता और गम्भीरता को देखते हुए बिहार डीजीपी को स्वयं अपनी रिपोर्ट के साथ 29 नवंबर 2021 को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है.
जानें, क्या है मामला ?
जानकारी के मुताबिक, एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने एक महिला के शिकायत पर घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण को पूछताछ के सिलसिले में बुधवार के दिन कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था. मगर थानाध्यक्ष कोर्ट के आदेश का अवमानना करते हुए उपस्थित नहीं हुए. अगले दिन यानी गुरुवार के दिन थानाध्यक्ष सीधे जज साहब के चेंबर में घुस गए. जज साहब ने पुलिस अफ़सर को फटकार लगानी शुरू कर दी. उसके बाद उपस्थित दोनों पुलिस ऑफिसर जज साहब के जो आगे मार-पीट में और फिर पिस्तौल तक पहुंच गई. घटना के तुरंत बाद पुलिस अधीक्षक डॉ सत्य प्रकाश और डीएसपी मौके पर पहुंचे. फिलहाल, दोनों पुलिसकर्मियों को कोर्ट परिसर से ही रिमांड पर भेज दिया गया है. एडीजे प्रथम अविनाश कुमार ने डीएसपी नेहा कुमारी के सामने बयान दर्ज करते हुए एसपी पर भी आरोप लगाया.