बिहार के बक्सर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने हाल ही में एक नोटिस जारी कर अदालतों के न्यायिक अधिकारियों को 9 जनवरी, 2022 को मंदिरों की सफाई करने के लिए कहा.
06 जनवरी 2022 को जारी नोटिस में कहा गया कि “मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में न्यायालयों के सभी पीठासीन अधिकारी अपने संबंधित न्यायालय के कर्मचारियों के साथ 09.01.2022 को सुबह सर्किट हाउस के बगल में स्थित मंदिरों की सफाई करेंगे यदि वे पूर्व निर्देशानुसार अंतिम प्रपत्र पर सुनवाई के लिए 09.01.2022 को अपने संबंधित न्यायालय की विशेष बैठक में नहीं लगे हैं.”

जानकारी के अनुसार 9 जनवरी की सुबह न्यायिक अधिकारी और अदालत के अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और सर्किट हाउस के पास मंदिर की सफाई की.
पहले आदेश के जारी होने के बाद कल एक और नोटिस जारी कर 06 जनवरी के आदेश को वापस लिया गया. गौरतलब है कि पहले नोटिस की समाप्ति के बाद 10 जनवरी को दूसरे नोटिस के ज़रिए उसे वापस लिया गया. जिसका अर्थ है कि वापस लिया गया नोटिस पूर्ण रूप से प्रभावी था और केवल औपचारिक रूप से वापस लिया गया.
10 जनवरी को जारी नोटिस में कहा गया कि “प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी नोटिस दिनांक 06/01/2022 जिसमें सिविल कोर्ट, बक्सर जजशिप के सभी न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को मंदिरों की सफाई के लिए उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था, को तत्काल वापस ले लिया जाता है. पटना उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया था. उक्त नोटिस जारी करने में कुछ गड़बड़ी प्रतीत होती है. मामले की जांच की जा रही है.

एक स्थानीय न्यूज़ वेबसाइट बक्सर टॉप के अनुसार 9 जनवरी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह की देखरेख में सभी न्यायिक अधिकारियों व कोर्ट स्टाफ ने सर्किट हाउस के पास मंदिर की सफाई की. अब ऐसे में एक पूर्ण प्रभावी रहे नोटिस को समय बीत जाने के बाद महज औपचारिकता के लिए वापस लिया जाना चर्चा का विषय बन चुका है.