एनएसओ: संभल रही अर्थव्यवस्था, दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही जीडीपी वृद्धि

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय – एनएसओ के आंकड़े के अनुसार भारत का सकल घरेलू उत्पाद – जीडीपी जुलाई से सितंबर तिमाही में 8.4% बढ़ा है जो वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के जीडीपी से ज्यादा है. पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी. कोरोना को रोकने को लेकर किए गए सरकारी उपाय और वैक्सीन की दर में लगातार वृद्धि से इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दुनिया की 28 प्रमुख देशों में सबसे अधिक है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय – एनएसओ के द्वारा मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी. वहीं पिछले साल अपैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी. जारी आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि कृषि क्षेत्र में दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह तीन प्रतिशत थी. 2020 में अप्रैल से जून के दौरान भारत की जीडीपी 24.4 प्रतिशत गिरी थी, जबकि तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर 2020 के दौरान इसमें 0.4 फीसदी की बढ़त दिखी थी. जनवरी से मार्च 2021 में जीडीपी 1.6 फीसदी बढ़ी थी. वहीं अप्रैल से जून 2021 के दौरान इसमें 20.1 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई थी.

आपको बता दें कि आंकड़ों के अनुसार जुलाई-सितम्बर तिमाही में जीडीपी 35,73,451 करोड़ रुपए रही. यह वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही के 35,61,530 करोड़ रुपए के आकार के मुकाबले अधिक है. जीडीपी पिछले साल जुलाई-सितम्बर तिमाही में महामारी की वजह से लगी पाबंदियों के दौरान घटकर 32,96,718 करोड़ रुपए पर आ गई थी. वहीं विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत रही. यह घरेलू मांग और निर्यात में तेजी को बताता है. आर्थिक गतिविधियों में तेजी के साथ निर्माण, व्यापार, होटल, परिवहन और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. सरकारी सेवाओं में 17.4 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई.

हालांकि, कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना ​​है कि भारी वृद्धि के बावजूद, निजी निवेश और उपभोक्ता विश्वास में सुधार की भी गुंजाइश है. सुधार सीमित और धीरे-धीरे होने की उम्मीद है, क्योंकि महामारी से पहले भी, घरेलू अर्थव्यवस्था कम मांग और कम निवेश के माहौल से जूझ रही थी. सख्त लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित अप्रैल-जून 2020 में आर्थिक वृद्धि दर में 24.4 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई थी. हालांकि अब आर्थिक वृद्धि दर कोविड पूर्व स्तर को पार कर गई है.

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