रेलवे ने विद्यार्थियों के बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देख कर पहले तो एक धमकी भर खत लिखा. लेकिन जब बात नहीं बनी तो एनटीपीसी की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया और रिजल्ट पर पुनर्विचार करने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया.
हालांकि छात्रों का आंदोलन अभी भी रुका नहीं है और बिहार के कई इलाकों में विरोध-प्रदर्शन जारी है. छात्रों का कहना है कि कमिटी का गठन कर के और परीक्षा रोक के बोर्ड मामले को अगले दो-चार सालों के लिए ठंडे बस्ते में डालना चाहती है. छात्र अविलंब समाधान की मांग कर रहे है.
विद्यार्थियों के बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देख कर रेलवे ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पहले तो छात्रों के लिए एक धमकी भरा खत लिखा. खत में लिखा गया कि आंदोलन में हिस्सा लेने वाले छात्रों पर सख्त कानूनी कारवाई की जाएगी और उन्हें आजीवन रेलवे की नौकरियों से वंचित रखा जायेगा.

इसके बाद छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी आवाज को और अधिक बुलंद किया तो बोर्ड ने परीक्षाओं को रद्द ही कर दिया.
गणतंत्र दिवस की सुबह जहानाबाद में अभ्यर्थीयों ने रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर राष्ट्र-गान गाकर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया.
गया में विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने ट्रेन को आग के हवाले कर दिया.