विजय माल्या को जिस मामले में अवमानना का दोषी ठहराया गया था, अब उसका अंतिम निपटारा किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अवमानना मामले में मंगलवार को कहा कि हमने काफी लंबा इंतजार किया है, हम अब और इंतजार नहीं कर सकते हैं. भगोड़े विजय माल्या को 2017 मे अवमानना केस में दोसी करार दिए जाने के बाद अब सजा पर सुप्रीम कोर्ट 18 जनवरी 2022 को अंतिम विचार करेगा. आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दोषी का प्रत्यर्पण हो या नहीं, सज़ा पर फैसले के लिए और इंतज़ार नहीं किया जाएगा.
क्या है मामला ?
सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या को सजा सुनाने के लिए 18 जनवरी, 2022 की तारीख तय कर कर दी है. आपको बात दें, अवमानना मामले में साल 2017 में माल्या दोषी पाए गए थे. 14 जुलाई, 2017 को दिए गए एक फैसले के अनुसार माल्या को बार-बार निर्देशों के बावजूद बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं करने के लिए अवमानना का दोषी पाया गया था. कोर्ट ने केंद्र सरकार को ये आदेश दिया था कि जब विजय माल्या भारत आ जाए तो उसे कोर्ट में पेश किया जाए. तब से ये मामला वैसी ही अटका था मगर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के बयान के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि विजय माल्या को अब जल्द सजा हो सकती है.
किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या बैंकों से लोन को लेकर डिफाल्टर हो गए थे. माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है. वह अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक ऋण चूक मामले में आरोपी है. 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अवमानना का दोषी माना था. कोर्ट को विजय माल्या ने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया था. कोर्ट ने 10 जुलाई 2017 को विजय माल्या को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन माल्या पेश नहीं हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा है कि दोषी अपने वकील के माध्यम से पक्ष रख सकता है. हम हमेशा के लिए विजय माल्या का इंतजार नहीं कर सकते हैं. पीठ ने कहा कि अदालत की अवमानना के मामले में माल्या को सजा सुनाने की प्रक्रिया खत्म होनी चाहिए क्योंकि शीर्ष अदालत ने काफी समय से इंतजार किया है. अब 18 जनवरी 2022 को इस मामले में अंतिम अंतिम फैसला सुनाया जाएगा.