भारत ने सड़क मार्ग से अफगानिस्तान के लिए खाद्यान भेजें थे जो एक महीने पहले ही पाकिस्तान पहुँच चुकी थी. इन खाद्यानों के एक महीने से ज्यादा समय तक पाकिस्तान में रुके रहने के बाद इस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया आई है.
शुक्रवार को इस्लामाबाद में एक तालिबानी प्रतिनिधिमंडल से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वो अपने अफ़गान भाइयों के आग्रह पर भारत से पाकिस्तान के रास्ते गेंहू भेजने पर विचार करेंगे.
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अफगानिस्तान में सर्दियों के आने के कारण स्थिति को देखते हुए व्यवस्थाओं पर बातचीत की जा रही है.
इमरान खान के कार्यालय से एक बयान में कहा गया कि
प्रधानमंत्री ने बताया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के भाइयों द्वारा मानवीय उद्देश्यों के लिए पाकिस्तान के माध्यम से भारत द्वारा दिए गए गेहूं के परिवहन के अनुरोध पर अनुकूल रूप से विचार करेगा.
भारत से गया है 50,000 मीट्रिक टन गेहूं
भारत ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में अफगानिस्तान में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही की अनुमति देने के लिए एक नोट वर्बेल भेजकर पाकिस्तान पहुंच गया था. सर्दी के साथ वित्तीय संकट भी अफगानिस्तान को पंगु बना रहा है.
चीन और तुर्की जैसे कुछ देशों ने पहले ही अफगानों को भोजन बांटना शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार भारत भी अपना काम करना चाहता है. अधिकारियों ने कहा कि 50,000 मीट्रिक टन गेहूं को अफगानिस्तान ले जाने के लिए पाकिस्तान के रास्ते से 5,000 ट्रक भेजने की आवश्यकता होगी. इस्लामाबाद प्रस्ताव पर विचार कर रहा है.
देनी पड़ेगी अनुमति
इंडियन एक्सप्रेस की सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को भारतीय ट्रकों को अनुमति देनी पड़ सकती है अन्यथा वाघा-अटारी सीमा पर जीरो पॉइंट पर गेहूं को उतारने और फिर से लोड करने की आवश्यकता होगी.
पाकिस्तान का बयान तब आया जब तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने अफगानिस्तान पर चीन और पाकिस्तान को छोड़कर क्षेत्र के प्रमुख देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दिल्ली में हुई बैठक के बारे में अनुकूल बात कही.
उन्होंने कहा कि “हालांकि हम इस सम्मेलन में मौजूद नहीं हैं, लेकिन हम दृढ़ता से मानते हैं कि यह सम्मेलन अफगानिस्तान के बेहतर हित में है क्योंकि सभी सदस्य वर्तमान अफगान स्थिति पर विचार कर रहे है. इस बैठक में भाग लेने वाले देशों को भी सुधार और सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए.”