कुछ हफ्तों पहले ही पैंडोरा पेपर्स के जरिए कई व्यक्ति और व्यवसायिक संस्थाओं के द्वारा फर्जी कंपनी और ट्रस्ट बनाकर टैक्स चोरी करने का खुलासा हुआ था. इस मामले में प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर समेत व्यवसायी अनिल अंबानी और भारत सरकार के द्वारा भगोड़ा घोषित किए गए नीरव मोदी की बहन भारतीय उद्यमी किरण मजूमदार शॉ के पति का भी नाम आया था. अब इस मामले में सरकार की तरफ से कार्रवाई हुई है.

सरकार ने एमएजी अर्थात मल्टी एजेंसी ग्रुप का गठन किया था जो आयकर विभाग के माध्यम से जांच कर रही है. जांच में नामित अधिकांश भारतीयों और प्रवासी भारतीयों को एमएजी ने आयकर विभाग के माध्यम से नोटिस भेजे हैं. प्रवासी भारतीयों को भेजे गए नोटिस में उन्हें अपने निवास की स्थिति को स्पष्ट करने को कहा गया है.
दो बैठक पहले भी हो चुके है
इंडियन एक्सप्रेस ने एमएजी के एक वरिष्ठ सदस्य के हवाले से लिखा है कि “पैनल की दो बैठकें पहले ही हो चुकी है. एमएजी का नेतृत्व सीबीडीटी के अध्यक्ष द्वारा की जाती है और इसमें सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय, आरबीआई और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के प्रतिनिधि होते हैं.”
धारा 131 के तहत नोटिस
ऐसा माना जा रहा है कि इन लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत नोटिस भेजा गया है. ज्ञात रहे कि धारा 131 आय को छिपाने से संबंधित है.
गौरतलब है कि एमएजी की स्थापना 4 अक्टूबर 2021 को हुई थी. जाहीर है इसी अवधि में 300 से अधिक भारतीयों की संलिप्तता वाले पैंडोरा पेपर्स का खुलासा हुआ था.
इंडियन एक्स्प्रेस पर छपी खबर के अनुसार नोटिस में में पूछा गया है कि क्या उनके द्वारा कर चोरी के उद्देश्य से कंपनी या ट्रस्ट बनाने की सूचना सही है? और क्या उनके द्वारा वार्षिक कार रिटर्न भरते समय विदेशी संपाति की घोषणा की गई थी?
पनामा और पैराडाइज पेपर्स
गौरतलब है कि इससे पहले 2016 में पनामा पेपर्स और 2017 में पैराडाइज पेपर्स के माध्यम से भी ऐसे ही खुलासे हुए थे. प्राप्त सूचना के अनुसार प्रारंभिक एमएजी बैठकों के दौरान सीबीडीटी और ईडी जैसी एजेंसियों को अपनी मौजूदा खुफिया जानकारी और नामित लोगों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
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