देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार टीकाकरण को बढ़ावा दे रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 159.67 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं. जाहिर है, ज्यादातर लोग टीकाकरण के पक्ष में हैं. मगर देश में जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है जो टीकाकरण से अब भी वंचित है.
टीकाकरण को लेकर जागरूकता से एक घनी आबादी परिचित ही नहीं है. इस वजह से कोविड टीकाकरण को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं. जिसके परिणाम स्वरूप टीका लगवाने को लेकर लोगों में हिचक है.
लोगों में हिचकिचाहट
देश के कुछ हिस्सों में लोग टीका लगवाने से कतरा रहे हैं. ऐसे ज्यादातर हिस्से ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जहां कोरोना टीकाकरण को लेकर जागरूकता की कमी है. ऐसे ही कुछ मामले उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं. यूपी के बलिया जिले में जब एक व्यक्ति को पता चला कि उसे कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी तो वह बचने के लिए पेड़ पर चढ़ गया. वह टीकाकरण के लिए तैयार ही नहीं हो रहा था. मगर लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार स्वास्थ्यकर्मी उसे समझाने में कामयाब हो गए.
वहीं एक अन्य मामले में एक नाविक के पास जब वैक्सीनेशन टीम पहुंची तो वो मानने को तैयार नहीं हो रहा था. इस दौरान वैक्सीनेशन के डर से वह टीम के साथ उठा पटक करने लगा. इसके बाद वह नाविक बचने के लिए नदी में कूद गया. हालांकि समझाने के बाद व्यक्ति टीकाकरण के लिए तैयार हो गया.
ग्रामीण क्षेत्रों में अफवाहों का शोर
गांवों-गांवों में स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें जाकर लोगों को कोविड वैक्सीन लगा रही हैं. कई जगह लोग स्वेच्छा से वैक्सीन लगवा रहे हैं तो कई जगह जागरूकता की कमी के कारण लोग वैक्सीन लगवाने से बचते नजर आते हैं. इस संबंध में जब हमारे ग्राउन्ड रिपोर्टर ने कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के बीच जाकर कोरोना वैक्सीन ना लगवाने के कारणों के बारे में पूछा तो अजीबोगरीब भ्रांतियों के बारे मे पता चला. जैसे कि:
- कुछ लोगों के बीच कथित तौर पर ऐसी अफवाह है कि कोरोना वैक्सीन के पीछे नसबंदी करने का एजेंडा छिपा है.
- कुछ लोग मानते हैं कि कोरोना जैसी कोई महामारी है ही नहीं, तो वैक्सीन क्यों लगवाए.
- ऐसी भी अफवाह है कि वैक्सीन लगवाने से लोग बांझपन का शिकार हो सकते हैं.
- कैसी जगह ऐसी भी बातें सामने आई कि वैक्सीन लगवाने से आँखों की रोशनी चली जाती है.
कोविड के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है वैक्सीन
वैक्सीन को लेकर ऐसी अफवाहें कोई नई बात नहीं है. पोलियो के वैक्सीन को लेकर भी इस तरह की बातें खूब होती थीं. आपको बता दें कि भारत में लगाई जा रही वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सुरक्षित मानता है. ऐसे भ्रम फैलाने वाली बातों पर ध्यान न देकर लोगों को तत्काल वैक्सीनेशन करवाना चाहिए. यह न सिर्फ संक्रमण पर लगाम लगाने का उपाय है बल्कि कोविड के खिलाफ शरीर को लड़ने में सक्षम बनाता है.
भारत में फिलहाल स्थानीय रूप से निर्मित दो टीके यानी कोविशील्ड और कोवैक्सीन और एक रूस में तैयार वैक्सीन स्पुतनिक की डोज़ दी जा रही है. कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक हर महीने वैक्सीन की 5 से 6 करोड़ डोज़ का निर्माण करती है. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया एक महीने में वैक्सीन की 12.5 से 15.0 करोड़ ख़ुराक़ का उत्पादन करती है. फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि संपूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में अभी लंबा समय लगेगा.
टीकाकरण रिपोर्ट के अनुसार, अबतक टीका के कुल 1,59,67,55,879 खुराक दी गईं हैं. पिछले 24 घंटे में 73,38,592 खुराक दी गई है. भारत में कोविड टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी को शुरू हुआ था. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी 12.72 करोड़ से अधिक शेष और अप्रयुक्त वैक्सीन खुराक उपलब्ध है. उत्तर प्रदेश में अबतक 24,00,85,540 खुराक दी जा चुकी है.
उत्तर प्रदेश में कोरोना के आंकड़ें
उत्तर प्रदेश में बुधवार को 14,803 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई. जबकि 12 मरीजों की मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मथुरा, हरदोई, गाजीपुर, देवरिया, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, जालौन, श्रावस्ती तथा महोबा जिलों में एक-एक मरीज की मौत हो गई. इसके साथ ही राज्य में इस कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22,984 हो गई है.
बात अगर सिर्फ बलिया की करें तो यहाँ बुधवार को 89 लोग संक्रमित पाए गए. जिले में अब संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 512 हो चुकी है. बुधवार को 58 लोग स्वस्थ हुए. एक्टिव केस की संख्या 325 है. वहीं दूसरी ओर टीकाकरण को लेकर गांवों में जागरूकता की कमी है जिस वजह से ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं, जहां लोग टीकाकरण से भाग रहे हैं. टीके के प्रति लोगों की ये झिझक संपूर्ण टीकाकरण के रास्ते में भी बाधा बनी हुई है.