संयुक्त किसान मोर्चा, किसान संघों के एक निकाय ने सोमवार को लखनऊ में एक किसान महापंचायत का आयोजन किया. इस किसान महापंचायत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत भेजा गया जिसमे फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून सहित छह मांगों को दोहराया गया. साथ ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग की, जिनके बेटे आशीष मिश्रा 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा में मुख्य आरोपी हैं.
महापंचायत का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किया गया था, जिसके खिलाफ किसान पिछले नवंबर से विरोध कर रहे हैं. महापंचायत में कहा गया कि प्रधानमंत्री को माफी मांगने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें हमें एमएसपी पर एक कानून का आश्वासन देना चाहिए.
इस मौके पर टिकैत ने कहा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक किसानों का धरना जारी रहेगा. 2011 में एक समिति की रिपोर्ट ने सिफारिश की थी कि एमएसपी की गारंटी दी जानी चाहिए. हम एक और समिति नहीं चाहते हैं, हम चाहते हैं कि आप पिछली समिति की सिफारिश को लागू करें. टिकैत ने दावा किया कि समिति की अध्यक्षता गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे और उसने एमएसपी की गारंटी के लिए एक कानून की सिफारिश की थी. आगे उन्होंने यह भी कहा कि अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी भी हमारी महत्वपूर्ण मांग है.
महापंचायत में उत्तर भारत के एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ किसान नेताओं ने भाग लिया. किसानों ने पीएम को लिखे अपने पत्र में छह मांगों का उल्लेख किया है: हर किसान को उनकी पूरी फसल के लिए एमएसपी, बिजली संशोधन विधेयक 2020/2021 को वापस लेना, प्रदूषण कानून में किसान के लिए दंडात्मक प्रावधान हटाना, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेना, अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और विरोध के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा.