बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में एक हफ्ते के लिए सभी स्कूल और कार्यालय को बंद रखने का निर्देश दिया है. इस दौरान सरकारी कर्मचारी अपने घर से ही काम करेंगे.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने हालात इतने खराब कर दिए है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. पिछले दिनों केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बच्चो, बुजुर्गों, गंभीर रोगियों और गर्भवती महिलाओं को 48 घंटों तक घर से बाहर न निकलने की सलाह दी थी.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों दिल्ली में वायु प्रदूषण से जुड़े एक याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्या वो प्रदूषण के समाधान के लिए दिल्ली में 2 दिन का लॉकडाउन लगा सकती है? उच्चतम न्यायलय ने एयर क्वालिटी इंडेक्स को सुधारने के लिए भी आपातकालीन व्यवस्था बनाने की बात कही थी.
हालांकि दिल्ली में प्रदूषण की ऐसी गंभीर हालत पहली बार नहीं हुई है. लगभग हर साल ही इन दिनों में दिल्ली की हवा जहर बन जाती है. लेकिन इस साल हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए है.
सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार के बाद शनिवार को अरविंद केजरीवाल ने एक आपातकालीन बैठक बुला कर एक हफ्ते के स्कूल और कार्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिए है. इस दौरान सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे. स्कूल बंद रखने का आदेश 15 नवंबर यानी सोमवार से लागू होगा. इस आदेश के मुताबिक 14 से 17 नवंबर के बीच दिल्ली में कन्स्ट्रक्शन से जुड़े काम बंद रहेंगे.
दिल्ली बन गया दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
दुनियाभर के एयर क्वालिटी इंडेक्स पर निगरानी रखने वाली संस्था आईक्यू एयर के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली प्रथम स्थान पर था. जो गंभीर खतरे की चेतावनी है.
शुक्रवार को दिल्ली का एक्यूआई 556 था और कोलकाता 177 एक्यूआई के साथ दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर था. इसके अलावा मुंबई 169 एक्यूआई के साथ छठे स्थान पर था.
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