फरवरी के दूसरे सप्ताह से उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आरंभ होने वाले हैं. 7 चरणों में होने वाला यह चुनाव 10 फरवरी से शुरू होकर 07 मार्च को खत्म हो जाएगा. जिसके बाद 10 मार्च को नतीजे आएंगे. चुनाव घोषणा के बाद से उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार में पूरा दम-खम झोंक दिया है. इस बीच मायावती की ‘चुनावी खामोशी’ पर प्रियंका गांधी ने हैरानी जताई है.
प्रियंका गांधी ने मायावती के यूपी चुनाव में ज्यादा सक्रिय जा होने को समझ के बाहर बताते हुए कहा कि छह-सात महीने पहले तक हमें लगता था कि उनकी पार्टी एक्टिव नहीं है. हमें लगा शायद वह चुनाव का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन हम भी बहुत हैरान हैं कि चुनाव शुरू हो गया है. हम बीच चुनाव में हैं और मायावती अभी एक्टिव नहीं हैं. उन्होंने चुप्पी साध रखी है. यह मेरी समझ के बाहर है. ANI को दिए एक इंटरव्यू में प्रियंका ने कहा, ‘यह भी संभव है कि भाजपा सरकार मायावती पर दबाव बना रही हो.’

मायावती, बहुजन समाज पार्टी-बसपा की अध्यक्ष हैं. मायावती अबतक उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं. वर्तमान में जनाधार खो रही बसपा का उत्तर प्रदेश में इतिहास बहुत पुराना रहा है. साल 2007 में बंपर जीत के साथ मायावती के 403 में से 206 विधायक जीते. बावजूद इसके अंतिम तीन विधानसभा चुनाव की करें तो बसपा का ग्राफ गिरता गया है. विधानसभा चुनाव 2012 में बसपा एक झटके में लुढ़क कर 80 सीटों पर सिमट गई. वहीं 2017 में 403 सीटों वाली विधानसभा में 19 सीटों के साथ बसपा को संतुष्ट रहना पड़ा.
मायावती ने पंजाब तथा उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार कांग्रेस पर हमला बोला है. इतना ही नहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार उनके निशाने पर रहती है. अब बारी कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की है तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा मुखिया मायावती की चुप्पी पर ही सवाल खड़ा कर दिया है.
हालांकि बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस बार दावा किया है कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी 2007 से भी ज्यादा मजबूत सरकार बनाएगी. अब देखना यह है कि मायावती का यह दावा बीते सालों के आंकड़ों का काट साबित होती हैं या बसपा और भी कम अंकों के साथ सिमट कर रह जाएगी.