सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा है कि यदि कोई वाहन बनाने वाली कंपनी मोटर वाहनों के निर्माण में नियमों का पालन करने में विफल रहती है और खराब वाहन देती है तो ऐसे में 1 साल की जेल और 100 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है.
इस नियम के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को कंपनी की तरफ से खराब वाहन दिया जाता है तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. ऐसा करने पर अब उसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. सरकार के इन सख्त नियमों के कारण वाहन कंपनियां इस डर से बड़ी सावधानी से काम कर रही है. जिससे ग्राहकों को फायदा मिल रहा है.
CNG किट लगाने को लेकर नया नियम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में CNG किट को लेकर नई अधिसूचना जारी की थी. इसका असर कई लोगों पर होने वाला है. आप जल्द ही BS-VI पेट्रोल गाड़ियों को CNG किट के साथ सड़कों पर चला पाएंगे. मंत्रालय ने मौजूदा बीएस-VI गाड़ियों को CNG और LPG पर चलाने के लिए 3.5 टन इंजन क्षमता तक CNG और PNG किट की रेट्रोफिटिंग के माध्यम से अनुमति देने को लेकर अधिसूचना जारी की गई है.
अभी सरकार ने केवल BS-IV गाड़ियों में CNG और LPG किट की अनुमति दी थी. नए प्रस्तावित कदम से भारत VI उत्सर्जन मानदंडों की सभी नई गाड़ियों को सीएनजी वाहनों में बदलने की अनुमति मिल जाएगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे लेकर कहा है कि “सीएनजी एक एनवायरमेंट फ्रेंडली फ्यूल है और यह पेट्रोल और डीजल इंजन के मुकाबले में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और धुएं के उत्सर्जन स्तर को कम करेगा.”
कई लोगों के साथ विचार साझा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. मंत्रालय ने 30 दिनों के अंदर सुझाव भी मांगे हैं ताकि अगर जरूरत हो तो अपनी अंतिम अधिसूचना में आवश्यक बदलाव कर सके.
मंत्रालय ने कहा कि “सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 27 जनवरी की अधिसूचना में भारत स्टेज (बीएस) गाड़ियों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट और सीएनजी/एलपीजी इंजन के साथ डीजल इंजन के प्रतिस्थापन के माध्यम से संशोधन की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है. अब तक केवल बीएस-IV उत्सर्जन मानदंडों वाली गाड़ियों में ही सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति है.”