पंजाब विधानसभा ने गुरुवार को केंद्र की उस अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर 50 किमी तक बढ़ा दिया गया था. जबकि विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार द्वारा आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने में देरी पर सवाल उठाया था. मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह विधानसभा का आखिरी सत्र था.
केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी के दो सदस्यों की अनुपस्थिति में सदन से केंद्रीय गृह मंत्रालय के 11 अक्टूबर के आदेश को अस्वीकार करते हुए राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पास कर लिया गया था.
कैप्टन भी कार्यवाही में नहीं पहुंचे
पिछले महीने कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीएसएफ के ऑपरेशनल क्षेत्र में विस्तार का समर्थन किया था लेकिन वे भी कार्यवाही में शामिल नहीं हुए.
ज्ञात रहे कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आदेश से सीमा सुरक्षा बल के संचालन क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है. पंजाब सरकार से बाहर किये गए कैप्टन ने सरकार के इस आदेश के विरुद्ध प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि “पंजाब सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण ना करें.
विपक्षी दलों के सवाल
विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) सहित अन्य सभी दलों ने दो दिवसीय विशेष सत्र के समापन के दिन इस आधिकारिक प्रस्ताव का समर्थन किया. हालांकि, आप और शिअद दोनों ने शीर्ष अदालत में अधिसूचना को चुनौती देने में देरी पर भी सवाल उठाया.
केंद्र ने सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किमी से 50 किमी के भीतर “गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती” करने के लिए अधिकृत करने के लिए बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था.
संघीय ढांचे पर हमला
पंजाब उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधाव ने केंद्र के निर्देश को वापस लेने की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया था. केंद्र के कदम को संघीय ढांचे पर हमला करार देते हुए, रंधावा ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में इस अधिसूचना को चुनौती देगी.
इस प्रस्ताव के संकल्प में कहा गया है कि “भारतीय संविधान के अनुसार, कानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इस उद्देश्य के लिए पंजाब सरकार पूरी तरह से सक्षम है. केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने का निर्णय पंजाब की पुलिस और लोगों के प्रति अविश्वास की अभिव्यक्ति है. यह उनका अपमान है.”
राज्य के अंदर अलग राज्य बनाया जा रहा है.
सुखजिंदर सिंह रंधावा
रंधावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2012 में तत्कालीन यूपीए सरकार को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में इसी तरह के कदम के खिलाफ लिखे गए एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि राज्य के भीतर अलग राज्य बनाया जा रहा है.
रंधावा ने सुझाव दिया कि सदन के सदस्यों को इस मुद्दे पर पीएम से मुलाकात करनी चाहिए. जैसे ही शिअद और आप सदस्य इस मामले पर बोलने के लिए उठे, स्पीकर राणा केपी सिंह और संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा कि बहस की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सर्वदलीय बैठक में इस मामले पर पहले ही विस्तार से चर्चा की जा चुकी है. बाद में स्पीकर ने सदस्यों को अपने सुझाव देने की अनुमति दी.