रविंद्र नाथ त्रिपाठी के नाम से उनका इस्तीफा पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था. हालांकि उन्होंने मीडिया के सामने पेश होकर इसे गलत बताया है और ऐसा करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात भी कही है.
खबर वायरल हो रही थी कि प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को लिखे अपने त्यागपत्र में रविन्द्र त्रिपाठी ने भारतीय जनता पार्टी पार्टी पर ब्राह्मणों, दलितों, अल्पसंख्यक समुदाय, बेरोजगार नौजवान आदि को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया है.

वायरल इस्तीफे के अनुसार उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार द्वारा अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान ब्राह्मण, अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़े समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गयी और न उचित सम्मान दिया गया.
इसके अलावा उस त्यागपत्र में लिखा है कि प्रदेश सरकार द्वारा दलितों, पिछड़ों, किसानों व बेरोजगार नौजवान और छोटे लघु मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा की गयी. प्रदेश सरकार के इस रवैये के कारण मैं भारतीय जनता पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ.
साथ ही पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि माननीय स्वामी प्रसाद मौर्या जी गरीब, लाचार, पीड़ितों की आवाज़ है. और वह हमारे नेता है, मैं उनके साथ हूँ.
इससे थोड़ी देर पहले सरकार में मंत्री दारा सिंह चौहान ने इस्तीफा दिया है.
हालांकि अब भाजपा विधायक ने इस इस्तीफे को गलत बताया है और कार्यवाई की घोषणा भी कर दी है. ऐसे में सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर सच्चाई क्या है?