ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट को बिगाड़ा

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा दिया है, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों के घर का बजट गड़बड़ा गया है. शुक्रवार, 22 अक्टूबर, 2021 को देश भर में लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि जारी रही और नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ.

पटना में शुक्रवार , 22 अक्टूबर, 2021 को पेट्रोल की कीमत 110.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 102.21 रुपये प्रति लीटर थी. राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में 35-35 पैसे की बढ़ोतरी की गई।

देश के सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल पहले ही 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर चुका है, जबकि डीजल 12 से अधिक राज्यों में तीन-आंकड़े के स्तर को छू चुका है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 106.89 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल 95.62 रुपये में उपलब्ध है. मुंबई में पेट्रोल 112.78 रुपये पर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 103.63 रुपये है

नागरिक ऐसे समय में अतिरिक्त वित्तीय बोझ उठा रहे हैं जब नौकरियां दुर्लभ हैं और आए दिन लोगों की नौकरियां जा रही है. कई परिवार अपने खान-पान से भी समझौता करने को मजबूर हैं.

तेल कंपनियों और ईंधन स्टेशनों ने बढ़ोतरी के लिए अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया है. विशेषज्ञों का कहना है कि ईंधन की कीमतों में कम से कम दिसंबर तक वृद्धि जारी रहेगी. साथ ही यह भी स्पष्ट है कि पेट्रोलियम उत्पाद आसानी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में नहीं आने वाले हैं. इसलिए, तेल सार्वजनिक उपक्रमों पर नियंत्रण के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा थोड़े से हेरफेर के साथ कच्चे तेल की कीमतों के साथ कीमतें बदलती रहेंगी.

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