आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. केंद्रीय मंत्री रह चुके कांग्रेस के नेता रतनजीत प्रताप नारायण सिंह यानी आरपीएन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली है. सिंह ने कहा, “आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूँ.” दिल्ली स्थित बीजेपी के मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आरपीएन सिंह को बीजेपी की सदस्यता दिलाई.
अबतक कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक सफर करने वाले सिंह ने भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस पार्टी पर सवाल खड़े किए और प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की. वहीं आरपीएन सिंह के बीजेपी में जाने पर कांग्रेस नेताओं ने भी उनपर जमकर निशाना साधा है.

कांग्रेस नेता अंबा प्रसाद ने आरपीएन सिंह पर तंज कसा और बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछल एक साल से ज्यादा से बीजेपी के साथ सांठ-गांठ कर आरपीएन सिंह झारखंड की कांग्रेस-जेएमएम सरकार को अपदस्थ कराने की कोशिश कर रहे थे. पार्टी नेतृत्व को लगातार इस बारे में आगाह भी किया गया था. इनके बीजेपी जाने से झारखंड का हर सच्चा कांग्रेसी खुश है.
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि जिन्हें बगैर परिश्रम राजनीति विरासत में मिली है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण राजनीति में हैं, वे भी जिनकी नजर में राजनीति “प्रोफेशनलिज्म” है. उनके दलबदल की चिंता बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. क्योंकि, उनकी वैचारिक प्रतिबद्धताएं अवसर के साथ चलती है, बदलती रहती हैं.
आरपीएन सिंह का राजनीतिक जीवन
आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने को यूपी में विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि इनका कांग्रेस के साथ लंबा सफर रहा है. आरपीएन सिंह कुशीनगर के पडरौना विधानसभा से 1996 से 2009 तक कांग्रेस के विधायक रहे है. साथ ही 2009 से 2014 तक सांसद रहे हैं. साल 2009-2011 तक केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री रहे. इसके बाद साल 2011-2013 तक केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कॉर्पोरेट मामले के राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल. 1997 से 1999 तक सिंह युवा कांग्रेस उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी थे. जबकि 2003 से 2006 तक ऑल इंडिया कांग्रेस के सचिव रहे.
