रूस ने अपने खिलाफ प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में लगाया वीटो

यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का इस्तेमाल किया है. रूस ने उस प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया. जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी. साथ ही रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की गई थी. UNSC के 15 सदस्यों में से ग्यारह ने रूस के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया. जबकि चीन, भारत और यूएई ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. भारत ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की है और बातचीत के जरिए समाधान निकालने पर जोर दिया है.

रूस के खिलाफ यह प्रस्ताव विफल रहा. परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में मास्को की वीटो शक्ति ने प्रस्ताव को सफल होने से बच लिया. बावजूद इसके सुरक्षा परिषद में इस बहस ने पड़ोसी यूक्रेन पर हमला करने के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की निंदा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर दिया.

“आप हमारी आवाज़ पर वीटो नहीं लगा सकते”

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा, “मैं एक बात स्पष्ट कर दूं. रूस, आप इस प्रस्ताव पर वीटो लगा सकते हैं, लेकिन आप हमारी आवाज़ पर वीटो नहीं लगा सकते. आप सच्चाई पर वीटो नहीं लगा सकते, आप हमारे सिद्धांतों पर वीटो नहीं लगा सकते, आप यूक्रेनी लोगों पर वीटो नहीं लगा  सकते.”

रूस-यूक्रेन पर भारत का रुख सामान्य दिख रहा है. भारत ने प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज किया. सुरक्षा परिषद में भारत के प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि, “यूक्रेन में हाल ही में हुए घटनाक्रम से भारत बेहद परेशान है. हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त के सभी प्रयास किए जाएं. नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकाला गया है.  हम भारतीय समुदाय के कल्याण और सुरक्षा  को लेकर चिंतित हैं, जिसमें यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र शामिल हैं. इस बात से खेद है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है. हमें उस पर लौटना होगा. इन सभी कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज करने का विकल्प चुना है.” 

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