रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की संभावना बढ़ती जा रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में विद्रोहियों के कब्जे वाले शहरों डोनेट्स्क और लुहान्स्की को अलग देश की मान्यता दे दी है. साथ ही सेना भेजने का आदेश भी जारी कर दिया है. पुतिन ने रक्षा मंत्रालय को पूर्वी यूक्रेन के दोनों अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक में रूसी सैनिकों को भेजने के लिए कहा है.
रूस के इस कदम को क्या युद्ध की पहल माना जाए? हालांकि रूस इसे शांति स्थापित करने के लिए की गई कार्रवाई बता रहा है. रूस के सेना भेजने के आदेश के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि, ‘रूस के विद्रोहियों को मान्यता देने से हम डरते नहीं हैं. वे पश्चिमी देशों का समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं.

इधर अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देश भी इस मामले में दखल दे रहे हैं. अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश इसमें दखल देने के मूड में दिखती है. यूक्रेन और अमेरिका में लगातार शीर्ष स्तर पर बैठकों को दौर भी जारी है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से भी बात की है. राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रमण को रोकने के लिए जरूरी कदम भी उठाएगा.