रविवार को हरदोई में सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर अखिलेश यादव ने आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारियों का ज़िक्र करते हुए मुहम्मद अली जिन्ना को ‘आज़ादी का नायक’ बता विवादों में फंस गए. इस बयान के बाद बीजीपी ने अखिलेश पर अपने हमले तेज़ कर दिए हैं.
जैसे जैसे यूपी चुनाव करीब आ रहा है, यूपी में सियासी माहौल गरमाता जा रहा है. ऐसे में अखिलेश यादव के इस बयान ने बीजेपी को एक नया मुद्दा दे दिया. बीजीपी ने हमला करते हुए कहा कि देश के लोगों को अब यह जान लेना चाहिए कि देश में कौन कौन जिन्ना के समर्थक हैं और सिर्फ जाति-मज़हब के नाम पर सत्ता में आने की आस रखते हैं.
आपको बता दे की यूपी में करीब 20 फीसद मुस्लिम वोटर हैं,इस बात की ओर इशारा करते हुए बीजीपी ने अखिलेश पर आरोपों के पूल बाँध दिए. बीजीपी की तरफ से हो रहे हमलों में आरोप लगाया जा रहा है कि सिर्फ मुस्लिमों को रिझाने के लिए अखिलेश किसी भी हद तक जा सकते हैं. और सत्ता में आने के लिए अखिलेश राष्ट्रीय हितों की धज्जियां उड़ाने से भी पीछे नहीं हट रहे. इसी के साथ उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नयी बहस शुरू हो गई है.