ऐसी खबरों को प्राथमिकता से स्थान नहीं मिलता

आज के दौर मे भी मजदूर वर्ग मीडिया के लिए प्राथमिकता से स्थान नहीं रखता।। यहाँ हम ऐसी मीडिया का जिक्र कर रहे हैं जिनकी पहुँच सबसे बड़े तबके तक है। मजदूर वर्ग की मौत भी इनके लिए मायने नहीं रखते। ऐसे में मजदूर वर्ग की सामूहिक हत्या भी इनके लिए कोई मुद्दा नही है।
महाराष्ट्र के पुणे में देर रात निर्माणाधीन बिल्डिंग में मजदूरों पर लोहे का स्लैब गिर गया। इसमें 7 मजदूरों की मौत हो गई। साथ ही 3 मजदूरों के घायल होने की भी खबर है।
‘ट्रैफिक पुलिस कमिश्नर राहुल श्रीरामे ने बताया कि हादसा येरवडा के शास्त्री वाडिया बंगले के पास हुआ। यहां एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के बेसमेंट में देर रात काम चल रहा था। तभी पार्किंग में अचानक लोहे का भारी भरकम स्लैब गिर गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, हादसा उस वक्त हुआ जब लोहे के स्लैब को डालने का काम चल रहा था। इसके लिए 16 एमएम के लोहे के वजनदार सरिए से जाली बनाई गई थी। जाली के सहारे खड़े होकर मजदूर काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक लोहे की विशालकाय जाली मजदूरों पर धड़ाम से गिर पड़ी। जाली के नीचे दबे कई मजदूरों के शरीर में लोहे का सरिया घुस गया।
इसपर देश के प्रधानमंत्री ने दुख जताया है।
आज भी देश के महानगरों में निर्माण क्षेत्र में लाखों मजदूर बिना सुरक्षा के काम कर रहे हैं। इन मजदूरों के काम करने को लेकर कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीँ होने की खबरें बिग मीडिया से दूर है। इन खबरों पर बहसें नहीं होती। चर्चाएं नहीं होती। तो इस तरह से मजदूरों के मरने की खबरें आती रहती है। पर मीडिया की सत्ता की सर परास्तता के कारण इसपर बात नहीं हो पाती।

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