सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के अपराधीकरण का मुद्दा उठाने वाली और हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में अदालत से आरोप तय होने पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग याचिका पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि वह राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ है और इस मामले में जवाब दाखिल करेगी। चुनाव आयोग ने भी जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।
‘हर स्तर पर होनी चाहिए जवाबदेही’
कोर्ट ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मामला है और याचिका का जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को अंतिम मौका देते हुए तीन सप्ताह का समय दे दिया। मामले में कोर्ट 10 अप्रैल को फिर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बढ़ते भ्रष्टाचार पर चिंता जताई। कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि हर स्तर पर जवाबदेही होनी चाहिए।
‘राष्ट्रनिर्माण करने वाले शिक्षकों की जरूरत’
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने कहा हमें राष्ट्रनिर्माण करने वाले शिक्षकों की जरूरत है। ये निर्देश और टिप्पणियां न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने वकील अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिये। उपाध्याय की याचिका में मांग की गई है कि गंभीर अपराधों जैसे हत्या, दुष्कर्म आदि के अपराध में अदालत से आरोप तय होने पर व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए।
इस याचिका पर कोर्ट ने काफी पहले केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था, लेकिन अभी तक दोनों ने जवाब दाखिल नहीं किया है। चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील अमित शर्मा ने कहा कि याचिका में की गई मांग काफी हद तक संसद के अधिकार क्षेत्र में आती है। आयोग इस मामले में जवाब दाखिल करेगा।
कोर्ट ने जवाब दाखिल करने का दिया अंतिम मौका
पीठ ने कहा कि वह सभी को जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का अंतिम मौका दे रहे हैं। उसके बाद प्रतिउत्तर दाखिल किया जाएगा, मामले में 10 अप्रैल को अंतिम सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि यदि राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि का पता नहीं लगा पा रहे हैं, तो यह समस्याजनक है।
चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि दोषी ठहराए जाने के बाद रोक लगाया जाना संभव है, लेकिन याचिका में आरोपपत्र होने पर रोक लगाने की मांग की गई है। जस्टिस जोसेफ की टिप्पणी थी कि लोकतंत्र के नाम पर क्या हो रहा है? हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
‘भ्रष्टाचार में फंसा है आम आदमी’
उन्होंने कहा था कि अगर हमें सही मायने में एक राष्ट्र बनाना है, तो हमें अपने चारित्रिक मूल्यों की ओर वापस जाना होगा। आम आदमी भ्रष्टाचार में फंसा हुआ है। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि सभी स्तरों पर जवाबदेही होनी चाहिए।