बिहार में आरजेडी-कांग्रेस पर सस्पेंस, क्या कांग्रेस ने गठबंधन को एकतरफा तोड़ लिया है?

कुशेश्वर स्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर आगामी 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है. महागठबंधन के दो मुख्य दल आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर घमासान हो गया. बहस यहाँ तक पहुँच गई कि कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने कांग्रेस के महागठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी. इस पर राजद प्रमुख लालू यादव की भी प्रतिक्रिया आई जिसने सुर्खियां भी बटोरीं.

कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने तो आरजेडी से गठबंधन टूटने का ऐलान कर दिया है परंतु आरजेडी के तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि खबरों के मुताबिक यही माना जा रहा था कि ये गठबंधन अब शेष नहीं है. परंतु बुधवार की सुबह पत्रकारों ने जब आरजेडी विधायक तेजस्वी यादव से गठबंधन पर सवाल पूछने का प्रयास किया तो उन्होंने बस इतना ही कहा कि उनकी सोनिया गांधी से बात हुई है और अक्सर उनकी बात होती है. तेजस्वी ने ये भी कहा कि गांधी परिवार से उनके संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं.

तेजस्वी ने गठबंधन टूटने के सवाल पर साफ-साफ कुछ नहीं कहा और ये स्पष्ट किया कि सोनिया गांधी से उनके संबंध अच्छे हैं और बातचीत भी हो रही है. अब सवाल है कि क्या तेजस्वी उम्मीद कर रहे हैं कि सोनिया गांधी कांग्रेस के राज्यस्तरीय मामले मे दखल देकर इस गठबंधन को टूटने से बचा लेंगी?

ज्ञात रहे कि पिछले दिनों सोनिया गांधी ने भी राज्यस्तरीय कांग्रेस नेताओं पर बयान देते हुए कहा था कि नीतिगत मामलों पर राज्यस्तर के कांग्रेस नेताओं में स्पष्टता और आपसी सामंजस्य नहीं है.

साथ ही राहुल गांधी ने भी लालू यादव के साथ एक दोस्ताना तस्वीर को साझा किया था जिसने सुर्खियां भी बटोरी थी और इस से आरजेडी और गांधी परिवार के बीच की मित्रता का भी अंदाजा लगाया था.

राहुल-लालू की तस्वीर, सोनिया गांधी का बयान और तेजस्वी की गठबंधन टूट के सवाल पर की दी गई प्रतिक्रिया से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर आरजेडी को ज्यादा भरोसा है और उनके आधिकारिक बयान के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा की भविष्य में ये दोनों दल साथ रहेंगे या नहीं. फिलहाल दोनों दल उपचुनाव मे अलग-अलग लड़ रही है.

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