दिल्ली की एक स्कूल शिक्षिका ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका डाली थी कि उसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा ना देने की वजह से स्कूल प्रशासन ने सासपेंड कर दिया है. हाई कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए स्कूल को नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस कामेश्वर राव ने सुनवाई की अगली तारीख 17 दिसंबर को तय की है.
याचिका में शक्षिका ने कहा कि उसे हर साल 5 हज़ार रु. समर्पण अकाउंट में डालने होते थे जबकि इस साल उन से समर्पण अकाउंट में 15 हज़ार और राम मंदिर निर्माण के चंदे में 70 हज़ार रु. चंदे की मांग की गई. शिक्षिका ने कहा कि इतनी बड़ी रकम चंदे में देना उनकी क्षमता से बाहर की चीज है.
उन्होंने याचिका में कहा कि उनके पति की तबीयत खराब रहती है और उनके इलाज़ में काफी पैसा खर्च हो रहा है. उन्होंने स्कूल प्रशासन से इसमें रियायत की बात की पर इसे अनसुना कर दिया गया. परिणामस्वरूप, स्कूल प्रशासन ने उन्हें तंग करना शुरू कर दिया और उनसे इस्तीफा लिखवाने की कोशिश भी की.
शिक्षिका ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री को इस बाबत पत्र लिखा, जिनके आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने इस प्रकरण की जांच शुरू की. शिक्षिका ने स्कूल प्रशासन पर यह आरोप भी लगाया कि उनके खिलाफ झूठे मामले गढ़े गए और उन पर जातिवादी टिप्पणियां करने के आरोप लगाए गए.