सुडान में सेना द्वारा सत्ता हथियाने के साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक कि गिरफ्तारी के बाद ही ये कदम उठाया गया. सेना ने इमर्जेंसी लगाने के साथ यह भी कहा कि शांति और स्थिरता को खतरा था इसलिए ये कदम उठाया गया.
खबर यह है कि जब उत्तर के लोगों ने प्रधानमंत्री से सवाल उठाना चाहा तब उन्हें मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री हमदोक को अज्ञात सैनिकों ने उन्हें “हाउस अरेस्ट में ले लिया है” और कुछ कैबिनेट के मंत्रीयों को भी हिरासत में ले लिया गया है.
सेना ने सबसे पहले संचार के साधनों को बंद कर दिया और उन्होंने स्टेट टीवी पर भी कब्जा कर लिया है, चारों ओर बैरिकेडिंग लगा दी गई है, हवाई अड्डे भी बंद कर दिए गए हैं उधर प्रधानमंत्री कार्यालय ने लोगों से कहा कि सुडान में तख्तापलट के विरोध उतरो, वहीं कुछ लोग सामने भी आए लेकिन सेना के साथ मुठभेड़ में लोगों के घायल होने कि खबर भी आई है.
सुडानी डॉक्टरों कि केंद्रीय समिति ने कहा कि सैन्य अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोली लगने से तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं 80 से ज्यादा लोग घायल भी हुए.
सेना द्वारा सत्ता हथियाने के बाद अमेरिका ने सुडान को दी जाने वाली सहायता रोक दी है. सुडान को दी जाने वाली $700मिलीयन को निलंबित कर दिया है. एक नागरिक सरकार की तत्काल बहाली का भी आग्रह किया है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ‘नागरिकों के नेतृत्व वाली संक्रमणकलीन सरकार को तुरंत बहाल किया जाना चाहिए और लोगों के इच्छानुसार प्रतिनिधित्व करना चाहिए.