सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी में हुए हिंसा मामले में स्वतंत्र जाँच की याचिका पर सुनवाई हुई. मामला फिर से फंस गया है और अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी. सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस हिमा और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने इसकी सुनवाई करते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने गवाहों के बयान दर्ज करवाए जाए.
यूपी सरकार की तरफ से हरीश साल्वे ने कहा कि 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए है. जिसमें से 23 चश्मदीद गवाह है. साल्वे ने बताया कि उन्होंने सार्वजनिक विज्ञापन देकर उन चश्मदीद गवाहों को सामने आने के लिए कहा जिन्होंने कार में असल में लोगों को देखा था. उन्होंने घटना के वीडियो पर भी ध्यान देने की बात कही.
जस्टिस सूर्यकांत ने सवाल किया कि वहाँ हजारों लोग थे जो जांच की मांग कर रहे थे, क्या आपको सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह ही मिले. जिस पर साल्वे ने पूछा कि क्या वो अदालत को सीलबंद लिफाफे में गवाहों के कुछ दर्ज बयानों के बारे मे दिखा सकते है. जस्टिस सूर्यकांत ने गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने की भी बात कही.
ज्ञात रहे कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की ये तीसरी सुनवाई थी. पिछली बार भी यूपी सरकार के तरफ से पर्याप्त जानकारी नहीं देने के कारण सुनवाई टालनी पड़ी थी.